देहरादून : कांग्रेस नेता हरीश रावत और हरक सिंह रावत की अदावत पुरानी है. साल 2016 में हुई बगावत के बाद से दोनों नेताओं के बीच अक्सर ठनी रहती है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव के वक्त हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल तो हो गए, लेकिन पूरी तरह कांग्रेस में खुद को एडजस्ट नहीं कर पाए हैं. हरक सिंह रावत ने इस बात का आरोप पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सिर मढ़ा है तो हरीश रावत वापसी के 2 साल बाद भी हरक सिंह को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं.
ताजा विवाद इस बार के लोकसभा चुनाव को लेकर खड़ा हुआ है. जहां हरक सिंह ने अलग-अलग मुद्दों को लेकर हरीश रावत को कठघरे में खड़ा किया है. तो हरीश रावत ने भी पलटकर सीधे जवाब दिए हैं.
दोनों नेताओं ने न्यूज़ 18 से बातचीत में अपने-अपने दिल की बात और दर्द सामने रखा है.
हरिद्वार में चुनाव विवाद
कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत का कहना है कि अगर उन्होंने हरिद्वार से लोकसभा का चुनाव लड़ा होता तो 200% वहां पर कांग्रेस की जीत होती. लेकिन हरीश रावत ने जगह-जगह लोगों को 2016 की बगावत की बात याद दिलाई, जिससे चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला औेर मन भी खराब हुआ. न पार्टी ने टिकट दिया.
वहीं, हरीश रावत ने कहा 200 परसेंट जीत का दावा, तो हरक सिंह रावत उनके प्रेरणा स्रोत करन महारा और भी कई दूसरे नेता भी कर रहे हैं, लेकिन हरिद्वार के मेरे ऊपर बहुत सारे उपकार हैं, इसके लिए आखिरी वक्त तक हरिद्वार की जनता के लिए लगा रहूंगा. वहीं हरिद्वार में दूसरे नेताओं के जीत के दावों पर हरीश रावत ने कहा राजनीतिक पर्यावरण में इस तरह के चील-कौए रहते ही हैं.
5 साल तक हरक सिंह को स्वीकार करने से इनकार
हरक सिंह रावत ने ये भी कहा कि जब 2022 में उनकी पार्टी में वापसी हुई थी तब कहा गया था कि वो विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना. ये बात नहीं थी. हरक सिंह के मुताबिक बार-बार 2016 की बातों को दोहराना ठीक नहीं है. अब मैं कांग्रेस में ही हूं.
वहीं कांग्रेस नेता हरीश रावत का कहना है कि जब तक हरक सिंह 2016 में सरकार गिराने की घटना को लेकर प्रायश्चित नहीं कर देते, तब तक में उन्हें माफ नहीं कर सकता. हरीश रावत का कहना है कि वापसी के बाद 5 साल हरक सिंह को पार्टी के लिए काम करना चाहिए. तब जाकर प्रायश्चित होगा. हरीश रावत के मुताबिक, वो हरक सिंह को कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर स्वीकार नहीं कर सकते. पार्टी भले ही उन्हें नेता स्वीकार कर ले, उन्हें कोई दिक्कत नहीं है.
मुख्यमंत्री की तारीफ करने पर हरक सिंह का सवाल
नाराजगी के बीच हरक सिंह रावत ने हरीश रावत के इस व्यवहार पर भी सवाल उठाया कि वो अक्सर मुख्यमंत्री की तारीफ करते हैं. हरक सिंह के मुताबिक, उनके भी मुख्यमंत्री धामी से अच्छे संबंध है, लेकिन विपक्ष की राजनीति करने के साथ मुख्यमंत्री की तारीफ नहीं की जा सकती. इससे पार्टी कैसे मजबूत होगी? आखिर हरीश रावत को किस बात का डर है?
वहीं, हरीश रावत ने कहा कि जब मैं बीजेपी पर हमलावर होता हूं तब ये लोग उस मुद्दे को क्यों नहीं उठाते? हरीश रावत के मुताबिक, न उनका कोई स्टोन क्रेशर है, न कोई खनन का पट्टा और न सरकार का कोई उपकार उनके ऊपर है. हरीश रावत कहते हैं कि केंद्र और राज्य की सरकार पर वो लगातार हमले करते रहते हैं और बीजेपी उन्हीं को चुनौती मानती है.
बहू अनुकृति बीजेपी गई. मैं नहीं जाने वाला…
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति बीजेपी में शामिल हो गई थी. तब से इस बात की चर्चाएं जोरों पर थी कि कहीं हरक सिंह रावत भी बीजेपी में शामिल न हो जाएं. पर न्यूज़ 18 से बातचीत में हरक सिंह रावत ने साफ कर दिया कि वो कांग्रेस में ही रहेंगे. बीजेपी में नहीं जाने वाले.
कुल मिलाकर 2016 की बगावत की घटना को भले 8 साल गुजर चुके हों. जब हरक सिंह रावत के साथ नौ विधायकों ने बगावत करके हरीश रावत की सरकार गिरा दी थी.. लेकिन आज भी दोनों नेताओं के दिल में एक दूसरे को लेकर नाराजगी बरकरार है.
Tags: Harak singh rawat, Harish rawat, Uttarakhand news
FIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 17:27 IST