70 बीघा में पारंपरिक खेती के साथ यह किसान कर रहे बागवानी और मछली पालन, जबरदस्त हो रहा मुनाफा-These farmers of Banka earn more than Rs 25 lakh annually from traditional farming in 70 bighas along with fishing and horticulture in two acres.

बांका : आज ज्यादातर किसान ऐसे हैं जो पारंपरिक खेती को छोड़कर आधुनिक खेती पर विश्वास करने लगे हैं. लेकिन बांका के किसान अभी पारंपरिक खेती से ही अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. यह किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ बागवानी और मछली पालन करते हैं. जिससे इन्हें अच्छी खासी आमदनी होती है. बांका जिला के शंभूगंज प्रखंड अंतर्गत पतवारा गांव निवासी कृष्ण देव सिंह जो 70 बीघा में पारंपरिक खेती धान, गेहूं, चना, मूंग, मसूर के आलवा आम की बागवानी के साथ 2 एकड़ में मछली का पालन से सालाना 25 लाख से अधिक की कमाई कर रहे हैं.

जानें खेती के साथ कैसे कर रहे मछली पालन
किसान कृष्णदेव सिंह बताते है कि 70 बीघा में धान की बुआई से पहले हमारे खेतों नाइट्रोजन फिक्सेशन के लिए दलहन की खेती जैसे मूंग बुआई करते है जिससे खेती में नाइट्रोजन की कमी को पूरा कर देता है जिससे उपज में वृद्धि हो जाती है इसके आलबे खेती में समय समय पर बर्मी कंपोस्ट का छिड़काव करते है जिससे भूमि में उपज के साथ नमी भी अधिक दिनों तक रहती है जिससे सामान्य किसानों से अधिक उपज प्राप्त होता है। साथ ही बताते है की एक एकड़ में आम मालदा, सिंदुरिया , मालभोग, जर्दालू,आम्रपाली जैसे फलदार वृक्षों की भी खेती करते है.

कृष्णदेव सिंह बताते है पिछले पांच वर्षों से 2 एकड़ में दो तालाब निर्माण करा कर मछली पालन भी कर रहे हैं, बताते है की मछली पालन की आईडिया गांव के पप्पू सिंह से मिली थी शुरू में एक छोटा सा तालाब से मछली पालन शुरू किया और अच्छी मुनाफा होने के बाद दो एकड़ में दो तालाब का निर्माण किया और मछली पालन करने लगे.

कौन कौन से मछली का करते है पालन.
किसान बताते हैं कि खेती और बागवानी के साथ-साथ दो तालाब में पल रही मछलियों की देखभाल काफी कठिन होता है. लेकिन समय निकालकर सभी काम को करते हैं. उनके तालाब मेंआईएमसी मछली का पालन होता है. आईएमसी में रेहू ,कातल , रूपचंद , मिर्गान,के ब्रिगेड जैसे पाला जाता है. मछली को खाने में दाना के आलावे बकरी की बिट, चोकर, सरसो की खल्ली दिया जाया है .1 केजी के मछली की तैयार करने में महज 60- 80 रुपया का खर्च आता है जबकि आईएमसी वैरायटी की मछली 180 से लेकर ढाई सौ रुपए प्रति केजी बाजार में बिक जाती है. आईएमसी मछली 13 से 15 महीने में तैयार होती है. जिसे स्थानीय बाजार में बेचा जाता है. उन्हें बागवानी और मत्स्य पालन से सालाना 25 लाख से अधिक की कमाई हो जाती है.

Tags: Agriculture, Bihar News, Local18

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