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7 साल पहले थे दुकान पर ‘नौकर’, दिनभर में कमाते थे ₹40, फिर मालिक बनने की ठानी, खड़ा कर दिया 100 करोड़ का कारोबार

हाइलाइट्स

साल 2017 में मनीष ने शुरू की थी इंटेंस फोकस विज़न की शुरुआत.
दुकान किराए देने वाले ने ही मनीष के बिजनेस में लगाए थे पैसे.
आज मनीष अशोकभाई चौहान का बिजनेस 20 राज्‍यों में फैला है.

नई दिल्‍ली. टीवी रियलिटी शो ‘शार्क टैंक इंडिया’ के तीसरे सीजन (Shark Tank India Season 3) में अपने कारोबार के लिए फंड जुटाने पहुंचे गुजरात के मनीष अशोकभाई चौहान (Manish Ashokbhai Chauhan) को खाली हाथ लौटना पड़ा. भले ही उनके बिजनेस में किसी भी शार्क टैंक जज ने पैसा न लगाया हो, लेकिन शो ने मनीष के कारोबारी सफर को सबके सामने ला दिया. आज से कुछ साल पहले तक केवल 1200 रुपये महीना पगार में चश्‍मे की एक दुकान पर काम करने वाले मनीष की कंपनी इंटेंस फोकस विज़न (Intense Focus Vision) सालाना 100 करोड़ रुपये का कारोबार करती है. किराए की दुकान से काम शुरू करने वाले मनीष को अपना बिजनेस शुरू करने को दुकान मालिक से ही पैसे भी उधार लेने पड़े थे.

गुजरात के एक गांव में गरीब परिवार में जन्में मनीष बचपन से ही समझ गए थे परिवार की जरूरतों पूरा करने के लिए उन्‍हें काम करना ही होगा. इसीलिए पढ़ाई के साथ ही मनीष ने चश्मे की दुकान में काम करना भी शुरू किया. इसी नौकरी के कारण उन्हें अपना काम शुरू करने की प्रेरणा मिली. दुकान में काम करने के दौरान ही उन्होंने चश्मे बनाना और उनकी डिजाइन करना भी सीख लिया.

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दिन में नौकरी, रात को अपना काम
चश्‍मे की दुकान पर नौकरी करते हुए उन्‍हें महज 1200 रुपये महीना मिलता था. वे मेहनत और लगन से काम करते थे. यही वजह थी कि उन्‍होंने चश्‍मे बनाना और नए-नए डिजाइन बनाना भी सीख लिया. कुछ समय बाद वे घर पर ही चश्‍मे बनाने लगे. दिन में दुकान पर काम करने के बाद वे रात को कुछ घंटे घर पर भी चश्‍मे बनाते. इससे उन्‍हें पता चला कि दुकान में दिनभर खपने के बाद जितना पैसा वो कमाते हैं, उतना तो हर महीने घर हर दिन कुछ घंटे काम करके ही कमा सकते है. इसी से उन्‍हें चश्‍मे का कारोबार करने का विचार सूझा.

2017 में शुरू किया अपना काम
साल 2017 में मनीष अपना बिजनेस शुरू किया. उनके पास बिजनेस के लिए पैसा नहीं था. सबसे पहले उन्होंने किराए पर एक दुकान ली. दुकान के मालिक ने ही मनीष के बिजनेस को शुरू करने के लिए पैसा भी लगाया. मनीष शुरूआत में चीन से आई केयर प्रोडक्ट मंगवाकर भारत में बेचने लगे. बाद में उन्‍होंने अपनी कंपनी इंटेंस फोकस विज़न (Intense Focus Vision) बनाकर चश्‍में डिजाइन करने और बेचने शुरू कर दिए.

अब 100 करोड़ सालाना टर्नओवर
सात साल में ही मनीष ने अपने बिजनेस को नई बुलंदी पर पहुंचा दिया है. उनका सालाना टर्नओवर अब 100 करोड़ रुपये हो चुका है. शार्क टैंक इंडिया में उन्‍होंने बताया कि वे हर महीने होलसेल में अपने प्रोडक्ट्स बेचकर 14 – 15 करोड़ रुपये की कमाई करते हैं. उनका कारोबार 20 राज्यों में फैला है. जिसमें लगभग 3000 आउटलेट्स पर उनके चश्मे बिकते हैं. शार्क टैंक के जजों को मनीष का कारोबार इंटेंस फोकस विज़न (Intense Focus Vision) तो पसंद आया, लेकिन उन्हें फंड नहीं मिल पाया. उन्होंने 5 फीसदी इक्विटी के लिए 5 करोड़ रुपये की डिमांड रखी थी.

Tags: Business news in hindi, Inspiring story, Success Story, Successful business leaders

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