555वां प्रकाश गुरुपर्व – गुरुद्वारा श्री बेर साहिब जी का इतिहास
श्री गुरु नानक देव जी का 555वां प्रकाश गुरुपर्व इस बार शहर के निचले हिस्से में स्थित गुरुद्वारा श्री बेर साहिब जी में मनाया जा रहा है। इस गुरुद्वारे का विशेष महत्व है क्योंकि यहीं पर सतगुरु नानक देव जी ने 14 साल, 9 महीने और 13 दिन तक तपस्या की थी।
गुरुद्वारा श्री बेर साहिब और इसका इतिहास
गुरु नानक ने अपनी आध्यात्मिक पूजा और ध्यान प्रक्रिया में इस स्थान पर बहुत समय बिताया। इस पवित्र स्थान पर उन्होंने बेरी दतन गढ़ी में ध्यान, तर्पण और स्नान किया, जो आज भी विद्यमान है। इस बेरी को गुरु नानक देव जी के समय की निशानी माना जाता है। इस गुरुद्वारे की खासियत यह है कि देश-विदेश से श्रद्धालु यहां आकर दर्शन करते हैं।
गुरुद्वारा श्री बेर साहिब का समर्थन और सेवा
यह गुरुद्वारा अपने खूबसूरत आंतरिक सज्जा और प्रबंधन के लिए भी प्रसिद्ध है। गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने इसे बहुत ही खूबसूरत तरीके से बनवाया है। यहां 24 घंटे लंगर चलता है और संगत को ताजा और गुणवत्तापूर्ण भोजन परोसा जाता है। इस दृष्टिकोण से, गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में एक बड़ा लंगर हॉल है और रात भर रुकने के लिए 200 कमरों की सराय भी है।
इस प्रकार, यह गुरुद्वारा न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि भक्तों के लिए एक आधुनिक और सुविधाजनक स्थान भी बन गया है।