भोपाल. नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act-CAA) के तहत मध्य प्रदेश में तीन लोगों को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र मिल गया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दो पाकिस्तानी और एक बांग्लादेशी नागरिक को नागरिकता प्रमाण पत्र दिया. तीनों ने देश की नागरिकता के लिए मई में ऑनलाइन अप्लाई किया था. पाकिस्तानी नागरिकों के नाम समीर, संजना मेलवानी हैं. जबकि, बांग्लादेशी महिला का नाम राखी दास है. नागरिकता का प्रमाण पत्र मिलने के बाद तीनों के चेहरों पर खुशी थी. तीनों ने देश और प्रदेश की सरकार को धन्यवाद दिया. एक आवेदक राखी दास ने बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं की स्थिति के बारे में चौंकाने वाला खुलासा किया.
इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, ‘यह एक ऐसी कठिनाई थी, जिसका निराकरण करके एक रिश्ता स्थापित किया गया है. यह रिश्ता हमें अखंड भारत की याद दिलाता है. 1947 के पहले तत्कालीन सरकार द्वारा जो निर्णय किया गया था कि हम अपने देश में सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा और उनकी चिंता करेंगे. इस भरोसे से हिंदू, सिक्ख, जैन, बौद्ध, ईसाई, पारसी भारत के पूर्व हिस्से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रह गए थे. काल के प्रवाह में उनको भारत में आने से मना कर दिया गया. उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया और इन्हें विदेशी माना गया जबकि, ये मूल रूप से विदेशी नहीं थे. ये उस अखण्ड भारत के हिस्सा थे.’
यादव ने कहा, ‘ये सिर्फ तत्कालीन सरकार के भरोसे से वहां रह गए थे. बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सरकारें उनकी सुरक्षा उपलब्ध नहीं करा पा रही थी. यह अच्छी बात है कि हमारे परिवार के लोग हमारे पास धर्म बचाने वापस आ गए. ये चाहते तो धर्म परिवर्तन कर सकते थे, लेकिन ये देश लौटकर आए हैं. मध्य प्रदेश में आप सभी का स्वागत है. शासन आपकी पूरी मदद करेगा.’
‘पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नहीं कहलाएंगे…’
CAA के अंतर्गत पहले आवेदक समीर सेलवानी और संजना सेलवानी के पिता पाकिस्तान में रह रहे थे. 2012 से ये भारत में रह रहे हैं. इन्होंने CAA के अंतर्गत मई में आवेदन किया था. तीसरी आवेदक राखी दास बांग्लादेश से हैं. इन्हें भी आज भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया.
राखी दास ने कहा, ‘मैं आठ साल पहले बांग्लादेश से पीएचडी की पढ़ाई के लिए भोपाल आई थी. मुझे भारतीय नागरिकता मिलने की बहुत खुशी है. अब मैं यहां एग्जाम दे सकती हूं और सरकारी जॉब के लिए प्रयास कर सकती हूं. बांग्लादेश में वैसे तो सब कुछ ठीक है लेकिन हिंदू महिलाओं को पढ़ने और जॉब करने बहुत ज्यादा आजादी नहीं मिलती.’
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FIRST PUBLISHED : June 27, 2024, 21:54 IST