राजधानी के महावीर हार्ट हॉस्पीटल में डॉक्टरों ने एक बार फिर से चमत्कार कर एक नवजात की जान बचा ली. 22 दिन के बच्चे के हार्ट में दो स्टेंट लगाकर उसको जीवन दान दिया. बिहार के शेखपुरा जिले के रियांश के हृदय में बड़ा छेद था. उसके फेफड़े का वाल्व सिकुड़ा हुआ था. महावीर हार्ट हॉस्पीटल के बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ प्रभात कुमार के नेतृत्व में इस बच्चे का सफल ऑपरेशन कर इसकी जान बचा ली गई. महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने शिशु की डबल स्टेंटिग कर जान बचाने के लिए महावीर हार्ट हॉस्पीटल के डॉक्टरों की टीम को बधाई दी है.
बाल हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि बच्चे का सांस तेज चल रहा था उसका हाथ-पैर नीला पड़ रहा था. महावीर हार्ट हॉस्पीटल में इको जांच में हृदय में बड़ा छेद पाया गया. फेफड़े का वाल्व सिकुड़ा होने से हृदय में रक्त का प्रवाह बाधित हो गया था. इमरजेन्सी हालात में बच्चे को महावीर हार्ट हॉस्पीटल में भर्ती किया गया. डॉ प्रभात कुमार के साथ डॉक्टरों आशीष गोलवारा, डॉ नासर अब्दाली और डॉ विवेक पांडेय की टीम ने दूरबीन विधि से पीडीए स्टेंटिग कर हृदय में रक्त प्रवाह सुचारू किया. इसके बाद बच्चे का ऑक्सीजन लेवल सामान्य हो गया. सोमवार को ठीक होने के बाद रियांश को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
देश के चुनिंदा अस्पतालों में है व्यवस्था
डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि एक महीने से कम उम्र के बच्चे की स्टेंटिग की सुविधा देश के चुनिंदा अस्पतालों में ही है. वरीय बाल हृदय रोग विशेषज्ञ ने बताया कि टेढ़ा-मेढ़ा डक्टस होने के कारण दो स्टेंट लगाना पड़ा. इससे पूर्व महावीर हार्ट हॉस्पीटल में एक महीने से कम उम्र के दो-तीन बच्चे की सिंगल स्टेंटिग सफलतापूर्वक की गयी है. अस्पताल में इतने छोटे शिशु के डबल स्टेंटिग यानी दो स्टेंट लगाने का यह पहला मामला है.
FIRST PUBLISHED : May 21, 2024, 11:58 IST