21 international bodies ask CJI for early resolution of Adani coal imports case | 21 विदेशी-ऑर्गेनाइजेशन ने अडाणी-कोल-इंपोर्ट केस में CJI को लिखा लेटर: केस को तेजी से रिजॉल्व करने की मांग, अडाणी पर लो-ग्रेड कोयले को हाई-ग्रेड में बेचने का आरोप

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मुंबई3 मिनट पहले

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21 इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ने अडाणी कोल इंपोर्ट केस को लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ को एक लेटर लिखा है। इस लेटर में ऑर्गेनाइजेशंस ने सुप्रीम कोर्ट से डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस द्वारा दायर अडाणी ग्रुप के पेंडिंग केस को तेजी से रिजॉल्व करने की रिक्वेस्ट की है। इस मामले में इंडोनेशिया से कोल इंपोर्ट के ओवरवैल्यूएशन के लिए अडाणी ग्रुप की फर्मों की जांच की जा रही है।

यह लेटर लंदन बेस्ड फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के बाद आया है। इस रिपोर्ट में जॉर्ज सोरोस-बेक्ड ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) के डॉक्यूमेंट्स का हवाला देते हुए अडाणी ग्रुप द्वारा 2013 में लो-ग्रेड के कोयले को हाई-वैल्यू के कोयले के रूप में बेचकर धोखाधड़ी करने की बात कही गई है।

ऑर्गेनाइजेशंस ने यह तर्क दिया कि वे फॉसिल फ्यूल के निरंतर उपयोग के खिलाफ दृढ़ता से खड़े हैं। साथ ही ऑर्गेनाइजेशंस ने कहा कि फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट ने तमिलनाडु की टैंजेडको के साथ लेनदेन में अडाणी ग्रुप द्वारा लो-क्वालिटी वाले कोयले को कई ज्यादा महंगे क्लीनर फ्यूल के रूप में पेश करने के फ्रेश और डिटेल्ड एविडेंस यानी सबूत दिए हैं।

वहीं अडाणी ग्रुप ने सभी आरोपों को गलत बताया है। न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते हुए पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं ने गलत काम की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी से जांच कराने की मांग की है।

ग्रुप के एक स्पोक्सपर्सन ने कहा कि कोयले की क्वालिटी की टेस्टिंग लोडिंग और डिस्चार्ज पॉइंट पर की गई थी। साथ ही कस्टम ऑथोरिटीज और तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (टैंजेडको) के ऑफिशियल्स द्वारा स्वतंत्र रूप से भी क्वालिटी टेस्टिंग की गई थी।

स्पोक्सपर्सन ने कहा, ‘सप्लाई किए गए कोयले की एजेंसियों द्वारा कई पॉइंट्स पर कई बार क्वालिटी टेस्टिंग की जाती है। इस हिसाब से कम क्वालिटी वाले कोयले की सप्लाई का आरोप न केवल निराधार और अनुचित है, बल्कि पूरी तरह से बेतुका है।’

स्पोक्सपर्सन ने आगे कहा, ‘इसके अलावा पेमेंट सप्लाई किए गए कोयले की क्वालिटी पर निर्भर करता है, जो टेस्टिंग प्रोसेस के जरिए निर्धारित किया जाता है।’

अडाणी ग्रुप ने यह भी कहा कि रिपोर्ट में दिसंबर 2013 में कोयला ले जाने वाले जिस जहाज का हवाला दिया गया है, वो जहाज फरवरी 2014 से पहले इंडोनेशिया से कोयला शिपिंग के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट को दिए एक हलफनामे में डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने पहले कोयला इंपोर्ट के ओवरवैल्यूएशन के लिए अडाणी ग्रुप की जांच फिर से शुरू करने के लिए अपना रुख दोहराया था। मार्च 2016 में रेवेन्यू इंटेलिजेंस ने 2011 और 2015 के बीच इंडोनेशिया से कोयला इंपोर्ट के ओवरवैल्यूएशन के लिए अडाणी ग्रुप की कुछ कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू की थी।

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