हिना आज़मी/देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड को देवताओं की भूमि कहा जाता है. शिव की तपस्या स्थली भी इसे माना जाता है. यहां भगवान शिव के कई पुराने मंदिर हैं, जो अपनी-अपनी विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं. ऐसा ही है देहरादून का शिव मंदिर, जो मसूरी रोड पर पड़ता है. 150 त्रिशूल वाला और खास तरह की भवन निर्माण शैली के कारण मसूरी जाते हुए टूरिस्ट यहां जरूर जाते हैं. आपने दुनिया भर के शिव मंदिरों में अब तक काले शिवलिंग देखे होंगे, लेकिन यहां दूधिया रंग का शिवलिंग है.
अनोखा शिव मंदिर
मंदिर में दर्शन करने आए रामाधार ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से देहरादून के मसूरी घूमने आए थे. उन्होंने मसूरी जाते हुए इस मंदिर को देखा, जो बहुत ही ज्यादा भव्य और अनोखे तरीके से बना हुआ नजर आ रहा था. ज्यादा देर होने के कारण वह उस वक्त रुक नहीं पाए, लेकिन अगले दिन सुबह वह भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए यहां अपने परिवार के साथ आए. उन्होंने कहा कि मंदिर बहुत ही शानदार बना हुआ है, जिसमें 150 त्रिशूल लगे हुए हैं. पहाड़ियों से घिरे होने के कारण मंदिर बहुत ही खूबसूरत लगता है.
देहरादून में है फेमस
देहरादून का सुहावना मौसम इस मंदिर की खूबसूरती में चार-चांद लगाता है. बाकी शिव मंदिरों में काले रंग का शिवलिंग होता है, लेकिन यहां ऐसा नहीं है. इस मंदिर में दूधिया रंग का शिवलिंग है. इसे स्फ़टिक शिवलिंग कहा जाता है.
शिवलिंग बनाता है मंदिर का अलग
मंदिर के सेवादार अशोक गुलाटी बताते हैं कि यह मंदिर निजी मंदिर है, जिसकी नींव 34 साल पहले गुरु शिवदास मूलचंद खत्री ने रखी थी. उन्होंने बताया कि गुरु जी का मानना था कि भगवान शिव हम सबको सुख समृद्धि और धन देते हैं. इंसान उनपर पैसे चढ़ाने के योग्य नहीं है इसलिए इस मंदिर में कभी भी दान-दक्षिणा नहीं ली जाती है. न ही कोई प्रसाद चढ़ाता है. यहां भक्तजनों को चाय प्रसाद के रूप में दी जाती है.
कहां है यह शिव मंदिर?
श्री प्रकाशेश्वर महादेव मंदिर की बात की जाए तो यह पहाड़ों के बीच स्थित है. आप यहां जाने के लिए घंटाघर जाइए, जहां से आप राजपुर रोड से मसूरी रोड 10 किमी चलेंगे तो यह मंदिर आ जायेगा.
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FIRST PUBLISHED : June 22, 2024, 17:36 IST