अनुज गौतम/ सागर.मध्य प्रदेश की सबसे पुरानी डॉक्टर हरीसिंह गौर सेंट्रल यूनिवर्सिटी का कैंपस जितना खूबसूरत और बड़ा है, यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट भी उतने ही बड़े पदों पर पहुंच कर विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं. विश्वविद्यालय में 20 ग्रेजुएशन के कोर्स 50 पोस्ट ग्रेजुएशन के कोर्स और 38 विषयों में पीएचडी कराई जा रही हैं.
अब इंजीनियरिंग से पढ़ाई करने वाले छात्रों को खुशखबरी है. विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट भी शुरू किया है. जिसमें 360 सीट हैं. इंजीनियरिंग के अलग-अलग कोर्स की पढ़ाई कर बच्चे अच्छा करियर बना सकते हैं. अभी सागर विश्वविद्यालय में देश के कोने-कोने से छात्र-छात्राएं पढ़ाई करने के लिए आते हैं.
फूड, डेयरी, फैशन जैसे विषयों में इंजीनियरिंग
डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में बैचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी (बी. टेक.) के 6 पाठ्यक्रम डेयरी इंजीनियरिंग (Dairy Engineering), एयरोनोटिकल इंजीनियरिंग(Aeronautical Engineering), फैशन एंड एपेरल इंजीनियरिंग (Fashion and Apparel Engineering), फूड इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलोजी (Food Engineering and Technology), इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन (Electronics and Communication)तथा कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (Computer Science and Engineering) संचालित हैं. इन सभी कोर्सेस में प्रवेश प्रक्रिया joint entrance examination (जे.ई.ई.) काउंसिलिंग के माध्यम से होगी. प्रत्येक कोर्स में 60-60 सीटें हैं.
प्रत्येक कोर्स में 60 सीट
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने लोकल 18 से कहा कि विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग के कोर्सेस की लम्बे समय से मांग की जा रही थी. जिसमें 6 कोर्स ग्रेजुएशन वाले शुरू किए गए हैं. यह सभी कोर्स एआईसीटीई से स्वीकृत हैं और आगे के सत्रों के लिए भी मान्यता मिल चुकी है. ये सभी कोर्स कौशल विकास और रोजगार दोनों दृष्टिकोण से छात्र-छात्राओं के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे. कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता इन कोर्सेस पर विस्तार से जानकारी देते हुए बताती है कि कोर्स से बिजली संयंत्र, विनिर्माण, वितरण, संचार और दूरसंचार, कंप्यूटर अनुप्रयोग, रेडियो और टेलीविजन, उपकरण निर्माण उद्योगों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.
डेयरी इंजीनियरिंग का कोर्स
कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एम्बेडेड सिस्टम, एथिकल हैकिंग, वायरलेस नेटवर्क, कंप्यूटर निर्माण, डेटाबेस सिस्टम, वेब एप्लिकेशन, एनीमेशन, कंप्यूटर ग्राफिक्स, साइंटिफिक मॉडलिंग, कम्प्यूटेशनल विज्ञान, वीडियो गेम जैसे कई क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं. डेयरी इंजीनियरिंग से सलाहकार, प्रबंधक, पोषण विशेषज्ञ और वैज्ञानिक के रूप में काम कर सकते हैं. वे गुणवत्ता नियंत्रण विभागों में भी काम कर सकते हैं.इसी तरह एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करके विमानन और एवियोनिक्स, फ्लाइट मैकेनिक्स, इंजीनियर, एयरक्राफ्ट इंजीनियर, एयरक्राफ्ट प्रोडक्शन मैनेजर, एयर सेफ्टी ऑफिसर आदि के रूप में काम कर सकते हैं.फैशन डिजाइनिंग और परिधान से फैशन इंजीनियर बनने के अलावा फैशन डिजाइनर, कपड़ों के निर्माता एवं विक्रेता, फैशन मर्चेंडाइजर्स, जूतों और एक्सेसरीज की नई शैलियों और डिजाइनों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं.खाद्य प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी में ग्रेजुएशन करने के बाद रेस्टोरेंट, होटल, अस्पतालों, खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों, शीतल पेय निर्माण फर्मों, अनाज-मसाले और चावल मिलों, खानपान प्रतिष्ठानों, गुणवत्ता नियंत्रण संगठनों, पैकेजिंग उद्योगों और खाद्य अनुसंधान प्रयोगशालाओं में सेवा एवं रोजगार के अवसर मिलेंगे.
भारत के मध्य में स्थित खूबसूरत यूनिवर्सिटी
1300 एकड़ के एरिया में फैला कैंपस चारों तरफ हरे-भरे पेड़ों और वादियों से घिरा हुआ है. यह शहर से एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है. जिसकी वजह से चारों तरफ का व्यू बहुत ही शानदार है. वहीं, सागर सहित पूरे बुंदेलखंड में रहना और खाना बेहद किफायती है. उन इंस्टीट्यूट या कॉलेज की तुलना में विश्वविद्यालय में बहुत कम फीस है. विश्वविद्यालय का खुद का हॉस्टल भी है.जिसमें मामूली चार्ज लगता है.
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FIRST PUBLISHED : April 14, 2024, 19:33 IST