कोडरमा. डॉक्टर बनना आसान नहीं है. इसके लिए प्रतिभागी कड़ी मेहनत करते हैं. पहले नीट पास करते हैं, फिर पांच साल तक कॉलेज में प्रशिक्षण लेते हैं. लेकिन, कोडरमा कुछ अलग ही देखने को मिला. यहां 10वीं पास एक युवक 5 दिनों से डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज कर रहा था. सुनने में अजीब है, पर जब इस घटना का पता चला तो अस्पताल प्रबंधन के पांव तले जमीन खिसक गई.
कोडरमा के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा के साथ लापरवाही का मामला सामने आया है. सदर अस्पताल के समीप रहने वाला एक युवक एक सप्ताह से फर्जी डॉक्टर बनकर वहां भर्ती महिला मरीजों की जांच करने में जुटा था. आरोपी युवक रात में सदर अस्पताल पहुंचता था. इस दौरान युवक चेहरे पर मास्क लगाकर और स्टेथोस्कोप के साथ डॉक्टर बनकर मरीज के वार्ड में पहुंचता था.
फर्जी डॉक्टर का ऐसे पता चला
सदर अस्पताल में भर्ती एक महिला मरीज के साथ 5 दिन पहले इस फर्जी डॉक्टर ने जांच के नाम पर छेड़खानी की. महिला के परिजनों ने इसका विरोध किया. इसके बाद युवक इसे जांच का हिस्सा बता कर मौके से निकल गया था. हालांकि, इसके बाद महिला मरीज के परिजनों ने कथित डॉक्टर की इस हरकत की शिकायत सदर अस्पताल की प्रशासक रिया सिंह से की थी. प्रबंधन, सुरक्षा में लगे होमगार्ड के जवान और निजी एजेंसी के कर्मी फर्जी डॉक्टर बनकर सदर अस्पताल पहुंचने वाले युवक को ढूंढना शुरू किया.
कई धाराओं में मुकदमा दर्ज
शुक्रवार की रात कोडरमा थाना क्षेत्र के पोस्ट ऑफिस के समीप निवासी मो. आसिफ (24) पिता नसीम अख्तर एक बार फिर डॉक्टर बनकर महिला वार्ड में भर्ती मरीजों की जांच करने पहुंचा. इस दौरान पहले से भर्ती महिला मरीज ने फर्जी डॉक्टर की पहचान करते हुए उसे पकड़ लिया और शोर मचा दिया. इसके बाद प्रबंधन द्वारा मामले की सूचना कोडरमा पुलिस को दी गई. पकड़े गए युवक के पास से स्टेथोस्कोप भी बरामद किया गया. सदर अस्पताल कोडरमा के उपाधीक्षक डॉ. रंजीत कुमार के आवेदन पर आरोपी युवक के खिलाफ कोडरमा थाना में धोखाधड़ी, महिला के साथ छेड़खानी करने समेत अन्य कई धाराओं में केस दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया.
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FIRST PUBLISHED : June 22, 2024, 19:38 IST