रिपोर्ट- अवनीश कुमार सिंह
मोतिहारी. एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुणवत्ता वाली शिक्षा को लेकर बीपीएससी के माध्यम से 50 प्रतिशत महिला शिक्षकों की बहाली कर महिला सशक्तिकरण का बड़ा संदेश दिया है. वहीं दूसरी तरफ बिहार के एक स्कूल में ही महिला शिक्षिका के साथ छेड़खानी की घटना हो जाती है. यानि अब स्कूल में भी बीएससी पास महिला शिक्षक सुरक्षित नहीं है. ताजा मामला है पूर्वी चंपारण के तुरकौलिया प्रखंड का है, जहां महिला शिक्षक ने स्कूल के हेड मास्टर नीतीश कुमार गिरी पर ही छेड़खानी करने मानसिक और शारीरिक शोषण करने का बड़ा ही गंभीर आरोप लगाया है. महिला शिक्षिका का कहना है कि नीतीश गिरी किसी न किसी बहाने से मेरे हाथ को छूते थे और पीछे से आकर पकड़ने की कोशिश करते थे. हमने कई बार इसको लेकर विरोध भी किया लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थे.
महिला शिक्षिका ने तुरकौलिया थाना, पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी लिखित आवेदन दिया है जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है. मुजफ्फरपुर की रहने वाली बीएससी TRE-1 शिक्षिका की पोस्टिंग तुरकौलिया के उत्क्रमित विद्यालय बहरूपिया में की गई जो प्रखंड मुख्यालय से करीब सात-आठ किलोमीटर दूर है. महिला शिक्षिका ने अपने आवेदन में कहा कि स्कूल के हेड मास्टर नीतीश गिरी लगातार हम पर कुछ न कुछ दबाव बनाते थे वह उपस्थिति पंजी को छुपा देते थे.
शिक्षिका ने आरोप लगाते हुए कहा कि हेड मास्टर नीतीश कुमार ने इशारों ही इशारों में कई बार संकेत भी हैं. शिक्षिका के आरोपों के अनुसार हेडमास्टर ने अपनी डिमांड को इशारों में उन तक रखा था. लेकिन, जब वह उनकी डिमांड को पूरा करने के लिए तैयार नहीं हुई तो वेतन कटवा दिया और स्कूटी का तार तोड़वा दिया. शिक्षिका ने बताया कि स्थानीय लोगों के साथ मिलकर मुझको परेशान किया जाता है. नीतीश गिरी ने लगातार दबाव देने की कोशिश अब नहीं छोड़ी और एक दिन पीछे से मेरा हाथ और कमर पकड़कर और कंप्रोमाइज करने का दबाव बनाया. शिक्षिका ने बताया कि हमने इन सारी बातों को अपने पति को बताया जिसके बाद अब चुप रहना मुनासिब नहीं समझा और पति और मैं दोनों पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी सौरव जोरवाल के पास पहुंचे हैं और हमने अपना आवेदन देकर निष्पक्ष जांच करने की मांग की है.
महिला शिक्षिका का कहना है कि नीतीश गिरी किसी न किसी बहाने से मेरे हाथ को छूते थे और पीछे से आकर पकड़ने की कोशिश करते थे. हमने कई बार इसको लेकर विरोध भी किया लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थे. अंततः परेशान होकर हमने अधिकारियों के दरवाजा को खटखटा आया है. बताया जा रहा है कि हेड मास्टर नीतीश गिरी का पहले से ही इस तरह का आचरण रहा है. इससे पहले भी इस तरह के मामले स्कूल में सामने आए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुझ जैसी महिलाओं को इसलिए नौकरी दी है ताकि समाज के विकास में हमलोग योगदान दे सकें, अपने पैरों पर खड़ा होकर समाज के लोगों को सही रास्ता दिखा सकें. लेकिन, मानसिक और शारीरिक शोषण के कारण हम नौकरी छोड़ने को तैयार हैं. इसलिए मुझे न्याय की उम्मीद है. अगर मुझको नयाय नहीं मिला तो हम स्कूल छोड़ने को मजबूर होंगे. वहीं स्कूल के हेडमास्टर नीतीश गिरी ने इन आरोपों से अपना पल्ला झाड़ लिया है.
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FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 15:46 IST