हिमाचल हाईकोर्ट ने SP बद्दी इल्मा अफरोज की नियुक्ति पर गृह सचिव और डीजीपी से स्पष्टीकरण मांगा
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने एसपी बद्दी इल्मा अफरोज की तत्काल नियुक्ति से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के गृह सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश राकेश कैंथला की खंडपीठ ने शुक्रवार को इस मामले में आदेश जारी किए, जिसके तहत गृह सचिव और डीजीपी से जल्द स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया।
याचिकाकर्ता, सुचा सिंह ने कोर्ट में दलील दी कि इल्मा अफरोज की तैनाती से बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ क्षेत्रों में कानून व्यवस्था सुधरेगी और ड्रग माफियाओं और खनन माफियाओं के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि जब से इल्मा को एसपी बद्दी के रूप में तैनात किया गया था, तब से क्षेत्र में कानून का राज स्थापित हुआ और पुलिस ने ड्रग माफियाओं और खनन माफियाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई की।
सुचा सिंह का यह भी आरोप था कि इल्मा अफरोज के अवकाश पर जाने के बाद क्षेत्र में पुलिस की कार्यशैली बदल गई और इसके परिणामस्वरूप अराजकता फैल गई। उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने आम लोगों पर अत्याचार, मारपीट और लूटपाट शुरू कर दी। इसके अलावा, प्रार्थी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से इल्मा की तैनाती के लिए अनुरोध किया गया था, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई।
प्रार्थी ने हाईकोर्ट के 9 सितंबर 2024 के आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें अदालत ने एक आपराधिक मामले की जांच के लिए इल्मा अफरोज पर भरोसा जताया था। सुचा सिंह का कहना था कि हाईकोर्ट के आदेशों के कारण सरकार इल्मा का ट्रांसफर नहीं कर पाई, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें लंबी छुट्टी पर भेजा गया।
प्रार्थी ने यह भी बताया कि इल्मा अफरोज ने अवैध खनन गतिविधियों और 43 स्टोन क्रशरों पर कड़ी कार्रवाई की थी, जो इलाके में अवैध खनन कर रहे थे, विशेषकर पंजाब और हरियाणा से सटे क्षेत्र में।