स्कूल वालों नहीं सेप्टिक टैंक में डाल दिया था आयुष को. पटना के दीघा थाना क्षेत्र में प्राइवेट स्कूल में घटी थी घटना. बाटागंज के टिनी टॉट एकेडमी में हुआ था अमानवीय कांड.
पटना. बिहार की राजधानी पटना के दीघा थाना क्षेत्र के बाटागंज के पास टिनी टॉट एकेडमी स्कूल से नर्सरी के छात्र आयुष का शव बरामद होने के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं. आयुष का शव क्लासरूम में बने सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया. 4 साल के छात्र की मौत ने स्कूल प्रबंधन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि, पुलिस ने स्कूल की संचालिका और प्रिंसिपल पुतुल झा उर्फ बिना झा और उसके बेटे धनराज झा को गिरफ्तार कर लिया है. घटना में शामिल कुछ और लोग फरार बताए जा रहे हैं. पुलिस का दावा है कि मां बेटे ने पूछताछ में अपराध स्वीकार कर लिया है. मां और बेटे का कहना है कि आयुष झूला से गिर गया था और उसके सिर में गंभीर चोट आ गई थी. सिर से काफी खून बह रहा था. हम लोग डर गए थे. हमने खून को साफ किया और बच्चे को सीधे टैंक में फेंक दिया.
बता दें कि मामला गुरुवार 16 मई का है, जब दीघा के पालसन रोड में रहने वाले शैलेन्द्र राय का बेटा आयुष गुरुवार को घर नहीं पहुंचा तब परिजन स्कूल पहुंच गए. देर रात तक बच्चे की खोजबीन होती रही. करीब 3 बजे रात में आयुष का शव गटर में मिला. इसके बाद मौके पर उमड़ी भीड़ काबू हो गई. 3 घंटे तक शव को सड़क पर रखकर लोगों ने जाम लगा दिया. स्कूल को आग के हवाले कर दिया गया. हालात को देखते हुए मौके पर सिटीएसपी के नेतृत्व में पुलिस बल का डिप्लॉयमेंट किया गया. मां और बेटे पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया. शुक्रवार की शाम परिजनों ने दीघा घाट पर ही उसका शव प्रवाहित कर दिया.
घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार, लंच के समय आयुष स्लाइडर से गिरा और तभी उसके सिर से खून निकलने लगा. आयुष बेहोश हो गया. स्कूल वालों ने उसे क्लास रूम के नीचे बने सेप्टिक टैंक में फेंककर ऊपर कालीन से उसे ढक भी दिया और खिलौने रख दिए गए. खोजबीन के दौरान क्लासरूम के नीचे सेप्टिक टैंक का पता चला. टैंक को खोला गया तो आयुष की शव तैर रहा था. दिल दहलाने वाला दृश्य देखकर हर कोई हैरान रह गया.
दरअसल, पिछले 1 साल से चार साल का आयुष उस स्कूल में पढ़ने आ रहा था. वह दो भाइयों में बड़ा था. इसी स्कूल में उसकी एक चचेरी बहन प्रिया और भाई भी पढ़ता है. आयुष के चाचा कमलेश और आयुष्मान ने मीडिया को बताया कि बाकी बच्चे स्कूल वैन से घर पहुंच गए, लेकिन आयुष नहीं पहुंचा. शाम 5 बजे स्कूल से फोन आया और उसकी मां सलोनी ने बात की. स्कूल वालों ने सलोनी से पूछा कि आयुष घर पहुंच गया तो उसकी मां ने कहा कि नहीं पहुंचा है. परिवार के लोग स्कूल पहुंचे तो वहां कहा गया कि बच्चा कहीं चला गया होगा, लौट आएगा.
आयुष की बहन प्रिया ने बताया कि स्कूल से घर आते वक्त गाड़ी के ड्राइवर से पूछा कि आयुष को स्कूल में क्यों छोड़ दिए… ड्राइवर ने कहा कि उसे घर छोड़ा है, घर जाओ तो वहां मिल जाएगा. प्रिया ने इस बात की भी जानकारी दी कि आयुष लंच के वक्त झूला से गिरा था. स्कूल में मुझे धनराज सर ने कहा था कि घर में कुछ नहीं कहना है. स्कूल में पुलिस आएगी तो ठीक नहीं है. बुरा अंजाम होगा. घर आने के बाद से ही उसकी चचेरी बहन काफी डरी हुई थी. जांच में इस बात का पता चला है कि करीब 5 मिनट का सीसीटीवी फुटेज डिलीट किया गया था जिसमें स्कूल संचालकों की सारी करतूतें छिपी हुई थीं.
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FIRST PUBLISHED : May 18, 2024, 16:25 IST