इंदौर: अब स्कूलों में की जाने वाली पढ़ाई केवल स्कूल या कोचिंग क्लास तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि बच्चे जो किताबों में पढ़ेंगे और जिन फार्मूलों का उपयोग मैथ्स, फिजिक्स आदि विषयों में करेंगे, उनका उपयोग असल जीवन में भी कर सकेंगे. इस बारे में टीचर विशेष रूप से उनको सिखाएंगे. नए शैक्षणिक सत्र से इसकी शुरू हो गई है.
रिसर्च और एप्लीकेशन बेस पर फोकस
दरअसल, बदलते समय के साथ स्कूलों की पढ़ाई में भी बदलाव किया जा रहा है, ऐसा इसलिए भी हो रहा है कि ताकि बच्चे आने वाले समय में अपने आपको अपडेट रख सकें और नई-नई तकनीकों का उपयोग आसानी से कर सकें. शहर के स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है. ऐसे में सीबीएसई स्कूलों में 6वीं से 11वीं तक के बच्चे इस बार से रिसर्च और एप्लीकेशन बेस पर फोकस होकर पढ़ाई करेंगे.
पहले टीचर्स को दी ट्रेनिंग
नए शैक्षणिक सत्र में बच्चों को नए तरीके से पढ़ाने के लिए स्कूलों में पहले टीचर्स को ट्रेनिंग देकर इसके लिए तैयार किया गया. शहर भर के सीबीएसई स्कूलों के टीचर्स भी मार्च से ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके बाद अब वे इसे नए शैक्षणिक सत्र से बच्चों को पढ़ाएंगे.
इस पर देंगे विशेष ध्यान
बच्चे जो किताबों में मैथ्स के फॉर्मूले या केमेस्ट्री और फिजिक्स की इक्वेशन पढ़ते थे, उनका उपयोग असल जीवन में कैसे कर सकते हैं. इसके अलावा साइंटिफिक लर्निंग, न्यूमरेसी, कम्युनिकेशन स्किल, मोरल वैल्यूस आदि पर भी विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा. टीचर्स बच्चों को बताएंगे कि वे किताबों में जो भी पढ़ रहे हैं, उसको अपने रोज के जीवन में किस तरह से उपयोग कर सकते हैं.
रिसर्च बेस पढ़ाई
इस बार पढ़ाई कराने में स्कूल इस पर फोकस ज्यादा करेंगे. रिसर्च बेस पढ़ाई में बच्चे किसी एक टॉपिक पर खुद जानकारी जुटाएं, उसके बारे में पता करें ताकि उन्हें रिसर्च करने की आदत बढ़े. स्कूलों का मानना है कि इस तरह की पढ़ाई करने से उनमें रिसर्च करने की आदत बढ़ेगी और वे ज्यादा मेहनत कर पाएंगे. शहर के कुछ स्कूलों ने तो इसके लिए कई रिसर्च कंपनियों से बात करके अपने यहां बच्चों के साथ उनके सेशन भी किए हैं, ताकि रिसर्च को लेकर उनके मन में किसी प्रकार का संशय ना रहे और वे उसे बेहतर तरीके से समझ सकें.
Tags: Cbse board, Indore news, Local18, School news
FIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 17:34 IST