सूडानः सूडान के अबेई में बंदूकधारियों और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हो गई, जिसमें कुल 52 लोगों की मौत हो गई. जबकि 64 लोग घायल हो गए. मृतकों में संयुक्त राष्ट्र का एक शांतिदूत भी शामिल है. मामले की जानकारी समाचार एजेंसी एपी ने एक क्षेत्रीय अधिकारी के हवाले से दी है. अबेई के सूचना मंत्री बुलिस कोच ने घटना को लेकर कहा कि कुछ बंदूकधारियों ने हमला कर दिया. हालांकि हमला किस वजह से किया गया है, ये अभी स्पष्ट नहीं हुआ है.
उन्होंने संदेह जताया है कि यह हमला भूमि विवाद से जुड़ा हुआ हो सकता है. कोच ने आगे कहा कि इस हिंसा में शामिल हमलावर नुएर जनजाति के थे और भारी मात्रा में हथियारों से लैस थे. उन्होंने बताया कि पिछले साल बाढ़ के चलते ये हथियारबंद युवा पिछले साल अपने क्षेत्रों से वार्रप राज्य में चले गए थे. बता दें कि सूडान में आए दिन जातीय हिंसा होती रहती है. पड़ोसी वार्रप राज्य के ट्विक डिंका आदिवासी सीमा पर अनीत क्षेत्र को लेकर अबेई के नगोक डिंका के साथ भूमि विवाद में फंसे हुए हैं.
एक बयान में, संयुक्त राष्ट्र अंतरिम सुरक्षा बल अबेई (यूएनआईएसएफए) ने उस हिंसा की निंदा की जिसमें शांतिदूत की मौत हो गई. यूएनआईएफएसए ने पुष्टि की कि न्यिंकुआक, मजबोंग और खादियन क्षेत्रों में अंतर-सांप्रदायिक झड़पें हुईं, जिससे लोग हताहत हुए और नागरिकों को यूएनआईएसएफए ठिकानों पर पहुंचाया गया. 2005 के शांति समझौते के बाद से सूडान के उत्तर और दक्षिण के बीच दशकों से चले आ रहे गृह युद्ध को समाप्त करने के बाद से सूडान और दक्षिण सूडान अबेई क्षेत्र पर नियंत्रण को लेकर असहमत हैं. सूडान और दक्षिण सूडान दोनों अबेई के स्वामित्व का दावा करते हैं, जिसकी स्थिति 2011 में दक्षिण सूडान के सूडान से स्वतंत्र होने के बाद अनसुलझी थी.
अफ्रीकी संघ पैनल ने अबेई के लिए जनमत संग्रह का प्रस्ताव रखा लेकिन इस बात पर असहमति थी कि कौन मतदान कर सकता है. वर्तमान में यह क्षेत्र दक्षिण सूडान के नियंत्रण में है. मार्च में दक्षिण सूडान द्वारा अबेई में अपने सैनिकों को तैनात करने के बाद से अंतर-सांप्रदायिक और सीमा पार झड़पें बढ़ गई हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 29, 2024, 05:12 IST