टोक्यो. जापान की अंतरिक्ष एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि उसके मून मिशन का ‘लैंडर’ अपने निर्धारित लक्ष्य तक सफलतापूर्वक पहुंच गया है लेकिन जांच से ऐसा प्रतीत होता है कि वह उल्टा है. ‘स्मार्ट लैंडर’ या ‘स्लिम’ मिशन के शनिवार को चांद पर पहुंचने के बाद जापान चांद पर पहुंचने वाला दुनिया का पांचवां देश बन गया था. लेकिन सौर बैटरियों की तकनीकी समस्या के कारण पहले तो यह पता लगाना मुश्किल हो गया था कि यह अपने निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचा या नहीं. स्थानीय समयानुसार शनिवार तड़के जापानी अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह पर उतरा था.
लैंडर के मुख्य इंजनों में से एक ने चंद्रमा की सतह से लगभग 50 मीटर (54 गज) ऊपर अपेक्षित कार्यबल खो दिया, जिसके कारण नियोजित लैंडिंग नहीं हो सकी थी. कुछ दिनों के आंकड़ों के विश्लेषण के बाद ‘जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी’ या जाक्सा ने कहा कि अंतरिक्ष यान अपने लक्ष्य से लगभग 55 मीटर (60 गज) दूर, शियोली क्रेटर के निकट उतरा, जो ज्वालामुखी चट्टान से ढका हुआ क्षेत्र है.
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The Lunar Excursion Vehicle 2 (LEV-2 / SORA-Q) has successfully taken an image of the #SLIM spacecraft on the Moon. LEV-2 is the world’s first robot to conduct fully autonomous exploration on the lunar surface. https://t.co/NOboD0ZJIr pic.twitter.com/mfuuceu2WA
— JAXA Institute of Space and Astronautical Science (@ISAS_JAXA_EN) January 25, 2024
चंद्र मिशन के लैंडर ने सतह की बॉक्स के आकार की कुछ तस्वीरें भेजी हैं लेकिन यह उल्टी दिखाई दी. जाक्सा के परियोजना प्रबंधक शिनिचिरो साकाई ने कहा कि भेजी गई तस्वीरें बिल्कुल वैसी ही थीं जैसी उन्होंने कल्पना की थी और कंप्यूटर ग्राफिक्स में देखी थीं. जापान से पहले अमेरिका, सोवियत संघ, चीन और भारत चंद्रमा की सतह पर पहुंचे थे. भारत पिछले साल चांद पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया था.
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FIRST PUBLISHED : January 26, 2024, 17:32 IST