विशेषज्ञों का कहना है कि जिन बच्चों को बार-बार सर्दी और जुकाम होता है, उनके लिए कुछ पुराने घरेलू नुस्खे कारगर साबित हो सकते हैं। एक ऐसा नुस्खा है जिसमें लहसुन का इस्तेमाल किया जाता है। लहसुन को छीलकर उसकी माला बनाई जाती है और उसे बच्चे के गले में पहनाया जाता है। इसके अलावा, बच्चे की छाती पर लहसुन की माला मलने से बच्चे के शरीर में गर्मी पैदा होती है और कफ (बलगम) जमा नहीं होता, जिससे सर्दी-खांसी से बचाव होता है।
यदि बच्चा लहसुन खाने से परहेज करता है, तो तिल के तेल को हल्का गर्म करके उसमें थोड़ा नमक मिलाकर बच्चों की छाती पर मालिश करनी चाहिए। यह उपाय बच्चों को ठंड और सर्दी-खांसी से बचा सकता है। आयुर्वेदिक डॉक्टरों का मानना है कि सर्दी के मौसम में रोजाना यह मालिश करना फायदेमंद रहता है।
डॉ. हर्ष ने बताया कि सर्दी हमारे शरीर में मुख्य रूप से तीन जगहों से प्रवेश करती है: पैरों के तलवे, छाती और कान। इसलिए इन स्थानों को ठंड से बचाकर रखा जाना चाहिए, ताकि सर्दी-जुकाम और फ्लू से बचाव हो सके।
सर्दी के मौसम में घरेलू नुस्खों का महत्व
हमारे पूर्वज इन नुस्खों का इस्तेमाल करते थे और ये हमारे शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने में मदद करते थे। इस प्रकार के घरेलू उपचार सर्दी और खांसी से बचने के लिए बहुत प्रभावी हो सकते हैं।