इस बार करीब 6 करोड़ किलोग्राम चाय का उत्पादन कम रहने की आशंका है.चाय संगठनों की चिंता का असर पूरे देश में चाय की कीमतों पर भी दिखेगा. पहली और दूसरी फसल ही साल की सबसे उच्च गुणवत्ता वाली चाय पैदा करती है.
नई दिल्ली. सुबह-सुबह चाय की चुस्कियां लेना किसे नहीं पसंद है. चाय ऐसी चीज है जिसे हर भारतीय पसंद करता है. मेहमान को चाय-पानी पिलाना हो या गंभीर मुद्दे पर चाय पर चर्चा करनी हो अथवा दोस्त-यारों संग नुक्कड़ पर चाय के साथ चुहलबाजी करनी हो, हर मौके की साथी बन जाती है चाय. लेकिन, सबकी प्यारी चाय पर अब बड़ी मुसीबत आन पड़ी है. भारतीय चाय उद्योग ने इस मुसीबत को आपदा बताया है और कहा है कि जल्द ही इसका असर किचन से नुक्कड़ तक दिखाई दे सकता है.
दरअसल, उत्तर भारतीय चाय उद्योग को प्रतिकूल मौसम के कारण चालू फसल वर्ष के जून तक उत्पादन में बड़ी गिरावट की आशंका है. अगर पिछले साल के उत्पादन से तुलना की जाए तो इस बार करीब 6 करोड़ किलोग्राम चाय का उत्पादन कम रहने की आशंका है. चाय संगठनों की चिंता का असर पूरे देश में चाय की कीमतों पर भी दिखेगा और आने वाले समय में यह पसंदीदा पेय पदार्थ महंगा हो सकता है.
पहली और दूसरी फसल सबसे अहम
चाय उद्योग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि पहली और दूसरी फसल ही साल की सबसे उच्च गुणवत्ता वाली चाय पैदा करती है. इसके नष्ट होने से निस्संदेह उत्पादकों की कमाई पर असर पड़ेगा और चाय की कीमतें भी बढ़ सकती हैं. उत्तर भारतीय चाय उद्योग में शामिल असम और पश्चिम बंगाल के राज्य खतरनाक स्थिति का सामना कर रहे हैं.
पहले मौसम ने मारा फिर महंगाई की मार
चाय उद्योग पर इस साल मौसम की बड़ी मार पड़ी है. मई में अत्यधिक गर्मी और बारिश की कमी के साथ-साथ अत्यधिक बारिश और धूप की कमी ने उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है. भारतीय चाय बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल 2024 तक असम में चाय के उत्पादन में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 8 प्रतिशत की कमी आई है तो पश्चिम बंगाल में लगभग 13 प्रतिशत की गिरावट दिख रही.
आगे और खतरनाक स्थिति
भारतीय चाय संघ (टीएआई) के अध्यक्ष संदीप सिंघानिया ने अनुमान लगाया है कि पिछले वर्ष की तुलना में जून तक चाय की फसल का नुकसान छह करोड़ किलोग्राम हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘संघ के सदस्य चाय बागानों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, असम और पश्चिम बंगाल के चाय बागानों में मई 2024 के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में क्रमशः 20 प्रतिशत और 40 प्रतिशत की कमी रहने का अनुमान है. इसका सीधा असर आगे चाय की कीमतों पर दिख सकता है.’
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FIRST PUBLISHED : June 20, 2024, 12:59 IST