हिमाचल प्रदेश के शिमला में हुए स्कॉलरशिप घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पंचकूला में एक बड़ी रेड की है। यह रेड ED के पूर्व सहायक निदेशक विशाल दीप के खिलाफ शिकायत करने वाले विशाल बंसल के घर की गई। जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता विशाल बंसल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है और उसे गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे से धमकी मिल चुकी थी।
विशाल बंसल को मिली धमकी
विशाल बंसल को दो सप्ताह पहले रोहित गुर्जर नामक व्यक्ति ने फोन करके धमकाया था। धमकी देने वाले ने कहा था कि यदि वह ED के पूर्व सहायक निदेशक विशाल दीप के खिलाफ अपनी शिकायत वापस नहीं लेते, तो उनका और उनके परिवार का जीवन खतरे में पड़ सकता है। उसे 50 लाख रुपये की रंगदारी भी मांगी गई थी। यह धमकी शिमला स्कॉलरशिप घोटाले की जांच से संबंधित थी।
मुंबई से गिरफ्तारी और केस की शुरुआत
शिमला स्कॉलरशिप घोटाले में फरार ED के पूर्व सहायक निदेशक विशाल दीप को पुलिस ने दो सप्ताह पहले मुंबई से गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी विशाल बंसल की शिकायत पर की गई थी, जिसके बाद उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया। इस मामले में धमकी देने और रंगदारी मांगने का आरोप भी लगाया गया है। पुलिस ने आरोपी को अदालत में पेश किया और रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी।
29 शिक्षण संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई
इस स्कॉलरशिप घोटाले में हिमाचल प्रदेश के 29 शिक्षण संस्थानों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। CBI ने इसकी जांच 2019 में शुरू की थी और शिमला ED ने भी इस मामले में धन शोधन (PMLA) का केस दर्ज किया था। इस मामले में ED के सहायक निदेशक विशाल दीप की भूमिका सामने आई थी।
रिश्वत की मांग
विशाल दीप ने 29 शिक्षण संस्थानों के संचालकों से ढाई करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इसके बदले में उसने संस्थानों को राहत देने का वादा किया था। इस मामले में CBI ने भ्रष्टाचार का आरोप भी दर्ज किया और विशाल दीप को गिरफ्तार किया। उसे जमानत मिल गई थी, लेकिन उसकी गिरफ्तारी ने मामले की गंभीरता को और बढ़ा दिया है।
पूर्व मंत्री की शिकायत से जांच की शुरुआत
यह मामला तब सामने आया जब पूर्व मंत्री रामलाल मारकंडा ने शिक्षा विभाग से शिकायत की थी। जांच में यह पता चला कि 2013-17 के बीच 2.38 लाख SC, ST और OBC छात्रों को गलत तरीके से स्कॉलरशिप दी गई थी। इन छात्रों को विभिन्न निजी और सरकारी संस्थानों से छात्रवृत्ति मिली थी, लेकिन गड़बड़ी और फर्जी तरीके से भुगतान किया गया था। इस मामले में CBI की सिफारिश पर सरकार ने जांच शुरू की थी।
कुल मिलाकर
यह स्कॉलरशिप घोटाला न केवल शिक्षा विभाग में हुई गड़बड़ी का खुलासा करता है, बल्कि इसमें कई बड़े नामों और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप शामिल हैं। अब ED और CBI मिलकर इस मामले की और गहराई से जांच कर रहे हैं और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।