देवघर. शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है. वह लोगों को उनके कर्म के आधार पर फल प्रदान करते हैं. वहीं जिस भी राशि के ऊपर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव चल रहा होता है उन राशि वालों के जीवन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शारीरिक के साथ मानसिक आर्थिक कष्ट झेलना होता है, लेकिन हमारे सनातन धर्म में मंत्र का बेहद खास महत्व होता है.
मंत्र के माध्यम से किसी भी देवी देवताओं को प्रसन्न कर सकते हैं और उनके दुष्प्रभाव से आप बच सकते हैं. इनमें कुछ मंत्र ऐसे हैं जिनका जाप करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और उनके दुष्प्रभाव से बच सकते हैं. आइए देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि यह मंत्र कौन से हैं…
क्या कहते है देवघर के ज्योतिषाचार्य
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि शनि क्रूर ग्रह में से एक माना जाता है. वहीं शनि जब राशि परिवर्तन करते हैं तो कई राशि के ऊपर ढैय्या और साढ़ेसाती का प्रभाव पड़ जाता है. वहीं वर्तमान समय में पांच राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव है. इनमें मकर, कुंभ, मीन, कर्क और वृश्चिक शामिल है. राशियों पर पड़ने वाला शनि का दुष्प्रभाव बेहद अशुभ माना जाता है. परेशानियों से बचने के लिए मंत्रों का जाप करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव खत्म तो नहीं लेकिन कम जरूर हो जाता है.
ढैय्या और साढ़ेसाती के प्रभाव से बचने के लिए इन मंत्रों का करें जाप…
शनि के गायत्री मंत्र का जाप करें :
\”ॐ भगभवाय विध्है मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनि प्रचोधात |
ॐ शन्नोदेवीरभिस्टय आपो भवंतु पितये | शंयोरभिश्रावंन्तु नः\”
शनिदोष निवारण मंत्र का करें जाप :
\”ॐ त्र्यंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम/| उर्वारुक मिव बंधनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात\”
शनि के तांत्रिक मंत्र का करें जाप :
\”ॐ शम शनिश्चराय नमः\”
शनि के वैदिक मंत्र का करें जाप :
\”ॐ शन्नोदेवीरभिस्टय आपो भवन्तु पितये शंयोरभीस्त्र वंन्तुनः \”
इस बात का रखें ध्यान
हर शनिवार शनि मंदिर जाकर तिल के तेल से दीपक जलाकर इन मंत्रों का जाप करें. इससे साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम हो जाता है.
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FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 12:07 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.