21 दिसंबर को पंजाब के लुधियाना में नगर निगम चुनावों में मतदाताओं ने आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस को बड़ा झटका दिया। इन चुनावों में कई वीआईपी सीटों के समीकरण बदल गए, जहां नेताओं की पत्नियां चुनाव में हार गईं।
आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी की पत्नी डॉ. सुखचैन कौर बस्सी को कांग्रेस की उम्मीदवार परमिंदर कौर से हार का सामना करना पड़ा। परमिंदर कौर पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु के करीबी इंद्रजीत इंदी की पत्नी हैं। इसी तरह, विधायक अशोक पाराशर पप्पी की पत्नी मीनू पराशर भी भाजपा की उम्मीदवार पूनम रतड़ा से हार गईं, जो एक चौंकाने वाला परिणाम था।
इसके अलावा, कांग्रेस के पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु की पत्नी ममता आशु भी वार्ड नंबर 60 में आम आदमी पार्टी के गुरप्रीत सिंह से हार गईं, जिससे कांग्रेस का गढ़ टूट गया। ममता आशु पहले वार्ड नंबर 72 से चुनाव लड़ती थीं, जहां कांग्रेस की हार हुई।
इन चुनावों के परिणामों को आम आदमी पार्टी के कार्यों पर जनता की निराशा और असंतोष के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी के शासन में अधूरे वादों, बिगड़ते नागरिक बुनियादी ढांचे और बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण मतदाता असंतुष्ट दिखाई दिए।
इसके अलावा, जमीनी नेताओं की अनदेखी भी पार्टी के लिए महंगी साबित हुई। कई वफादार कार्यकर्ताओं को टिकट न मिलने से पार्टी के मूल समर्थक वर्ग में असंतोष बढ़ा, जिससे कई वार्डों में आप का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
इस चुनाव में कई रोमांचक मुकाबले भी देखने को मिले, जैसे वार्ड 69 में कांग्रेस की दीपिका सनी भल्ला ने भाजपा के संजीव ढांडा को हराया और वार्ड 71 में निर्दलीय उम्मीदवार मनु जयद्रथ की पत्नी ने पूर्व मंत्री आशु के भाई नरेंद्र काला की पत्नी को हराया।