इंदौर: इंदौर के महालक्ष्मी नगर मैदान में हस्तशिल्प प्रदर्शनी का आयोजन हुआ है. इसमें देशभर के कलाकारों द्वारा बनाई गई कई ऐसी मूर्तियां हैं, जिन्हें एक बार देखने के बाद उनसे नजर नहीं हटती है. मिट्टी, पीओपी और पत्थर से बनी मूर्तियां और स्कल्पचर भी देखे होंगे, लेकिन आज हम आपको वुड कार्विंग और उस विधि से बनाई गई मूर्तियों के बारे में बता रहे हैं, जो लकड़ी से भले ही बनाई जाती है लेकिन 100 सालों तक चलती है और इनकी चमक बरकरार रहती है.
आंध्रा की यह कला देख होंगे हैरान
लोकल 18 के जरिए हम आपको बताएं गेसहारा आर्ट एंड क्राफ्ट द्वारा इंदौर के महालक्ष्मी नगर मैदान में हस्तशिल्प का प्रदर्शनी के आयोजन के बारे में. यहां देश के 100 से ज्यादा हस्तशिल्पी कलात्मक वस्तुओं का प्रदर्शन करने आए हैं. यहां ऐसी कलाकृतियां हैं कि उनकी कला देखकर लोग दातों तले उंगली दबा रहे हैं.
आंध्रप्रदेश के तिरुपत जिले के माधौमाला गांव से आए शिल्पकार सोमनाथ रेड्डी आये है. जो लकड़ी पर नक्काशी करते हैं. इस नक्काशी से लकड़ी पर तराशे गए भगवान श्री गणेश, भगवान बुद्ध, भगवान श्री कृष्ण, भगवान विष्णु और तिरुपति बालाजी की मूर्तियां लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं.
जानिए क्या है वुड कार्विंग कला
लोकल 18 से बातचीत करते हुए रेड्डी ने कहा कि उन्हें यह कला उनके पिता से विरासत में मिली है. वुड कार्विंग यानी लकड़ी से मूर्तियों को बनाने का काम कर रहे हैं. इस काम में बहुत मेहनत लगती है क्योंकि इसमें मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जाता. बल्कि ये हाथ से ही बनाए जाते हैं. रेड्डी बताते हैं कि इसमें काफी टाइम भी लग जाता है. क्योंकि पहले लकड़ी को काटा जाता है फिर एक साल तक सुखाया जाता है. हाथ से ही इन्हें ड्राइंग की जाती है. फिर उसकी कटिंग करते हुए तराशा जाता है. तब जाकर ये खूबसूरत मूर्तियां तैयार होती हैं.
है 100 साल पुरानी कला
100 साल पुरानी कला है जो धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है, लेकिन वह अपने इस पुश्तैनी काम को आगे बढ़ना चाहते हैं. वैसे तो लकड़ी के सामानों में दीमक और कई तरह के कीड़े लग जाते हैं. लेकिन वह इन चीज़ों को नीम की लड़कियों से तैयार करते हैं, ताकि यह 100 साल तक भी चल सके. उन्होंने बताया कि चमक के लिए इस पर वार्निश किया जाता है. यहां 1 फीट से 6 फीट तक की प्रतिमाएं लेकर आए हैं. बताते हैं कि 6 फीट की एक प्रतिमा को बनाने में करीब 6 महीने का वक्त लगता है. इनकी कीमत 2 हजार से 4.5 लाख रूपए तक है.
16 जून तक चलेगा एक्पो
श्री मंजालपुर महिला औद्योगिक सहकारी मंडली ने सहारा आर्ट एंड क्राफ्ट को लगाया है. एक्सपो 16 जून तक चलेगा. मेले में लखनवी चिकन, सिल्क साड़ियां, ड्रेस मटेरियल, नागालैंड का ड्राय फ्लावर, पर्स, पापड़, आचार, आयुर्वेदिक चीजें, पंजाबी जूतियां, मुरादाबाद का पीतल सजावटी सामान, राजस्थान का संगमरमर से बना सामान भी उपलब्ध है.
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FIRST PUBLISHED : June 3, 2024, 19:42 IST