लोकसभा में ठीक 4.30 बजे पीठासीन अधिकारी की कुर्सी की तरफ से जैसे ही आवाज आई- श्री अवधेश प्रसाद, पूरा सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. समाजवादी पार्टी के तमाम सांसद अपनी कुर्सियों से खड़े होकर मेज को थपथपाते हुए फैजाबाद से सांसद अवधेश प्रसाद का स्वागत करने लगे. सपा मुखिया अखिलेश यादव के ठीक बगल में बैठे अवधेश प्रसाद के अपनी कुर्सी से उठते ही ‘जय श्रीराम’ के नारे लगने लगे. जैसे-जैसे वे शपथ लेने के लिए पीठासीन अधिकारी की कुर्सी के पास लगे डायस पर पहुंचे ‘जय श्रीराम’ के नारे ‘जय अवधेश’, ‘जय अवधेश’ में बदल गए. अवधेश प्रसाद ने भी हाथ जोड़कर सभी का आभार व्यक्त किया.
शपथ लेने के बाद अवधेश प्रसाद ने भारतीय संविधान की प्रति को उठाते हुए संविधान जिंदाबाद का नारा लगाया. संविधान की जय करने के बाद उन्होंने कहा- “माननीय नेताजी अमर रहें, वीरांगना उधा देवी अमर रहे, महाराज बिजली पासी अमर रहे, माननीय अखिलेश यादव जिंदाबाद, पीडीए जिंदाबाद, बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर जिंदाबाद, उनका संविधान जिंदाबाद” के नारे लगाए.
अवधेश प्रसाद ने सभी दलित नायकों और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के जिंदाबाद के नारे लगाए, मगर जय श्रीराम का नारा नहीं लगाया. जबकि एक दिन पहले संसद में प्रवेश करते हुए उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान प्रभु श्रीराम की मर्यादाओं को अश्रुण रखते हुए पूरे देश में उनकी मर्यादाओं को कायम करने का काम करेंगे. उनके शपथ लेने के लिए जाते हुए ‘जय श्रीराम’ के नारे भी लग रहे थे, लेकिन अवधेश प्रसाद खुद राम का नाम लेने में परहेज करते नजर आए.
इतना ही नहीं मेरठ से सांसद अरुण गोविल जब शपथ लेने के लिए पीठासीन अधिकारी की तरफ बढ़ रहे थे तब भी ‘जय अवधेश-जय अवधेश’ के नारे लग रहे थे.
समाजवादी पार्टी में कद्दावर नेता
इस बार लोकसभा चुनाव में सभी की निगाहें उत्तर प्रदेश की फैजाबाद सीट पर लगी हुई थीं. क्योंकि फैजाबाद लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या नगरी आती है. इस साल 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में जो माहौल बना उसे देखकर लगता था कि इस बार चुनाव में बीजेपी जीत के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर देगी. लेकिन 4 जून को आए चुनाव परिणामों ने तस्वीर ही पलट कर रख दी. उत्तर प्रदेश में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा और सबसे आश्चर्यजनक नतीजे फैजाबाद सीट के रहे. यहां समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने बीजेपी उम्मीदवार को परास्त कर दिया.
अवधेश प्रसाद की यहां से जीत के बाद से समाजवादी पार्टी में उनका कद बढ़ गया. कल सोमवार को जब समाजवादी पार्टी के सभी 37 सांसद लोकसभा पहुंचे तो अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी, भाई और चाचा को पीछे करते हुए अवधेश प्रसाद को अपने साथ खड़ा किया और सदन में भी अपने साथ वाली सीट पर बैठाया. अखिलेश यादव, अवधेश प्रसाद के माध्यम से दलितों में यह संदेश देने में कामयाब रहे कि समाजवादी पार्टी में दलित और गैर यादव समाज को भी पूरा सम्मान दिया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 19:06 IST