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राजस्थान में भजनलाल सरकार लाएगी धर्मांतरण के खिलाफ बिल! कड़ा होगा सजा और जुर्माने का प्रावधान, जानें सबकुछ

जयपुर. राजस्थान की भजनलाल सरकार धर्मांतरण के खिलाफ नया कानून लाने की तैयारी में है. पूर्व में वसुंधरा राजे सरकार के पहले कार्यकाल में धर्मान्तरण को लेकर पारित किए गये विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिल पाई थी. लिहाजा अब भजनलाल सरकार नए सिरे से विधानसभा में बिल लाकर धर्मान्तरण को रोकने की दिशा में कड़े प्रावधान कर सकती है. बीजेपी धर्मांतरण को लेकर हमेशा से मुखर रही है. उसके नेता लव जिहाद से लेकर जमीन जिहाद और प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन की घटनाओं को अक्सर जोर शोर से उठाते आए हैं. अब एक बार फिर भजनलाल सरकार के मंत्रियों से लेकर सांसदों तक सब एक सुर में धर्मांतरण पर नये कानून की मांग कर रहे हैं.

बीजेपी के शंकर सिंह रावत ब्यावर विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक हैं. वे मगरा इलाके में धर्मांतरण की घटनाओं से खासे चिंतित हैं. भाजपा विधायक अपनी ही सरकार से मांग कर रहे हैं कि धर्म विशेष के बाहरी लोग धर्मांतरण की गतिविधियों को लगातार बढ़ावा दे रहे हैं. विधायक का आरोप है कि जमात लेकर आने वाले लोग इलाके की शांति के लिए खतरा बन गए हैं. सरकार को इन पर जल्द काबू करना होगा नहीं तो हालात बिगड़ सकते हैं.

पहले 2008 में वसुंधरा राजे सरकार में पारित किया गया था बिल
पूर्व में 2008 में वसुंधरा राजे सरकार में धर्म स्वातंत्रय बिल पारित किया था लेकिन उसे राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिल पाई थी. उस विधेयक में किसी व्यक्ति को दूसरा धर्म अपनाने से पहले जिला कलेक्टर से मंजूरी लेने की शर्त थी. इसके साथ ही गैर कानूनी धर्मांतरण के मामले में दोषी पाए जाने पर पांच साल की जेल की सजा का प्रावधान था. उस विधेयक को लेकर राजस्थान में उस समय काफी विवाद भी पैदा हुआ था.

राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश किया है
अब भजनलाल सरकार पुराने विधेयक को निरस्त कर नये सिरे से धर्मांतरण को रोकने के लिए बिल का मसौदा तैयार करने में जुटी है. इसे लेकर हाल ही में राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी पेश किया गया है. बीजेपी नेताओं का मानना है कि धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कानून का होना जरूरी है. राजस्थान में पिछले कुछ बरसों में धर्मांतरण की कई घटनायें चर्चा में रही हैं. खास तौर से पूर्वी राजस्थान के मेवात और मध्य राजस्थान के मगरा और वागड़ मेवाड़ में इस तरह की घटनाओं ने काफी सुर्खियों में रही हैं.

गृह राज्यमंत्री बोले- इसके लिए ठोस कानून वक्त की जरूरत है
बीजेपी लगातार आरोप लगाती रही है कि मेवात में विदेश फंडिंग से हिंदूओं को जबरन मुस्लिम बनाया जा रहा है. ऐसे ही आरोप ब्यावर राजसमंद और भीलवाड़ा के कुछ इलाकों को लेकर लगाये जाते हैं. वहां पर मदरसों और जमातों की गतिविधियों पर बीजेपी हमेशा से सवाल उठाती रही है. वागड़ के इलाके में ईसाई मिशनरीज के खिलाफ भाजपा हमेशा से मुखर रही है. गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम का मानना है कि प्रदेश में शांति और सद्भाव के लिए धर्मान्तरण पर रोक जरूरी है. इसके लिए ठोस कानून वक्त की जरूरत है.

सरकार इस बार मजबूत विधेयक लाने के संकेत दे रही है
बीजेपी की विचारधारा में हिंदू राष्ट्रवाद हमेशा से सर्वोपरि रहा है. इसलिए बहुसंख्यक वर्ग को हमेशा अपने साथ बनाये रखने और हिंदू हितों की झंडाबरदार पार्टी बने रहने के लिए वो विधानसभा में इस बार मजबूत विधेयक लाने के संकेत दे रही है. इसलिए माना जा रहा है कि धर्मांतरण को रोकने के लिए पेश होने वाले बिल में सरकार जुर्माने की राशि और सजा का प्रावधान सख्त कर सकती है. ताकि धर्म परिवर्तन से जुड़ी ताकतें कभी किसी का धर्म बदलने की सोच भी न सके.

Tags: Bhajan Lal Sharma, Jaipur news, Rajasthan news

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