ये सरकारी स्‍कूल बना मिसाल, हर बच्‍चा होनहार, एडमिशन के लिए मचती है हाय-तौबा

सुष्मिता थापा
बागेश्वर. अमूमन सरकारी स्कूलों की बदहाल व्यवस्था के बारे में सुना जाता है. खराब इंफ्रास्ट्रक्चर है,पढ़ाई नहीं होती है आदि.लेकिन यदि हम आपसे कहें कि एक सरकारी स्कूल ऐसा भी है जहां निजी स्कूल छोड़कर बच्चे पढ़ रहे हैं तो आपको शायद यकीन नहीं होगा. जी हां, राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय, कपकोट आज अपनी एक अलग मिसाल पेश कर रहा है. पहाड़ में बदहाल शिक्षा व्यवस्था के चलते कई सरकारी स्कूल बंद हो गए हैं, लेकिन मॉडल प्राइमरी स्कूल कपकोट कमाल कर रहा है.

यहां की शिक्षा व्यवस्था से स्टूडेंट्स को बेहतरीन परिणाम मिल रहें हैं.स्कूल के शिक्षिकों की मेहनत और छात्रों की लगन से 40 स्टूडेंट्स ने ऑल इंडिया सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा क्वालीफाई की है और यहां पूरी क्लास के बच्चों ने ही बाजी मारी है.जहां एक ओर प्रदेश के अधिकतर सरकारी स्कूलों के हाल किसी से छिपे नहीं हैं. बदहाली और शिक्षा के घटते स्तर के चलते पेरेंट्स का सरकारी स्कूलों से मोह भंग होता जा रहा है, कई सरकारी स्कूल स्टूडेंट्स के अभाव में बंद हो रहें हैं,लेकिन प्राथमिक विद्यालय, कपकोट में एडमिशन के लिये हाय-तौबा मची हुई है.

40 सीटों पर एडमिशन के लिए आए सैंकड़ों आवेदन
प्राथमिक विद्यालय, कपकोट में 40 सीटों के लिये अब तक 300 आवेदन आ चुके हैं. 2023 में स्कूल के 22 बच्चे सैनिक स्कूल के लिए चयनित हुए और अब 2024 में 40 स्टूडेंट्स ने सैनिक स्कूल की रिटर्न परीक्षा पास कर एक नया कीर्तिमान रचा है. अब हाल ये है कि स्टूडेंट्स प्राइवेट स्कूल छोड़ यहां एडमिशन ले रहे हैं. सैनिक स्कूल की परीक्षा क्वालीफाई करने वाली छात्रा तनुजा का कहना है कि उनके गुरुजनों की कड़ी मेहनत और समर्पण से पूरी क्लास ने ऑल इंडिया लेवल के इस पेपर पर सफलता हासिल की है.

टिन शेड में चलता था कभी ये स्‍कूल
पहाड़ का यह सरकारी प्राइमरी स्कूल रोज नयी बुलंदिया छू रहा है,इन बुलंदियों के पीछे हैं प्राचार्य केडी शर्मा हैं. वर्ष 2016 में जिन दिनों उनकी नियुक्ति हुई तब स्कूल मात्र टिन शेड में चलता था. ग्रामीण अपने बच्चों को पढ़ने के लिए दूसरे स्कूलों में भेजते थे. शिक्षा को लेकर बहुत ही निराशा भरा माहौल था. परिस्थितियां बिल्कुल विपरीत थीं. शिक्षक की कड़ी मेहनत से आज ये स्कूल किसी भी आधुनिक स्कूल से कमतर नहीं है.

बेहतरीन पढ़ाई के कारण बच्‍चों ने रचे इतिहास, पाई कई सफलताएं
स्कूल में पढ़ाई की इतनी बेहतरीन व्यवस्था और गुरुओं का छात्रों के प्रति समर्पण ही है कि हर साल यहां के बच्चों का नवोदय विद्यालय, हिम ज्योति और ऑल इंडिया सैनिक स्कूल के लिए चयन होता है.आज स्कूल स्टूडेंट्स को एक बेहतर माहौल दे रहा है, जिससे बच्चे प्रतियोगिता परीक्षा में परचम  फहरा रहें हैं. मॉडल प्राइमरी स्कूल कपकोट के प्रधानाचार्य केडी शर्मा काफ़ी शांत और सौम्य स्वाभाव के हैं. स्कूल के 40 स्टूडेंट्स को मिली सफलता पर वो कहते हैं कि यह सामान्य बात है. स्टूडेंट्स के कांसेप्ट क्लियर हो तो कोई भी परीक्षा परिणाम उनके पक्ष में होंगे.

ये सरकारी स्‍कूल बना मिसाल, हर बच्‍चा होनहार, एडमिशन के लिए मचती है हाय-तौबा

प्रिंसिपल केडी शर्मा और स्‍टाफ की मेहनत रंग लाई
केडी शर्मा इस सफलता का श्रेय बाकी टीचर्स और स्टूडेंट्स को देते हैं. पहाड़ का यह सरकारी प्राइमरी स्कूल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से बदहाल व्यवस्था को नई उम्मीद दे रहा है. क्वालिटी एजुकेशन और शानदार व्यवस्था के चलते बागेश्वर का यह प्राइमरी स्कूल प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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