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यूक्रेन संकट: 80 से अधिक देशों ने की शांति की वकालत, भारत सहित 6 देशों के रुख ने चौंकाया

ल्यूसर्न. स्विट्जरलैंड के ल्यूसर्न में हो रहे यूक्रेन संकट पर शांति शिखर सम्मेलन हो रहा है. उससे संबंधित संयुक्त विज्ञप्ति पर भारत ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया. उसके साथ छह और देश शामिल हैं. वहीं, भारत ने कहा कि शांति के लिए सभी हितधारकों को एक साथ लाने और उनसे बातचीत जारी रहेगी. ध्यान रहे कि 2022 के रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से चल रही चर्चा में दूसरा मुख्य पक्ष रूस शिखर सम्मेलन से गायब है. शिखर सम्मेलन स्विटजरलैंड के बर्गेनस्टॉक रिसॉर्ट में आयोजित किया जा रहा है और अब तक 80 से अधिक देशों ने इसमें भाग लिया है

भारत के अलावा सऊदी अरब , दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त अरब अमीरात और ब्राजील के मंत्रियों ने फाइनल डॉक्यूमेंट पर साइन नहीं किया. विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) पवन कपूर ने यूक्रेन संकट पर ‘शांति शिखर सम्मेलन’ में भारत का प्रतिनिधित्व किया. कपूर ने कहा, ‘हमारा मानना ​​है कि इस तरह की शांति के लिए सभी हितधारकों को एक साथ लाना और संघर्ष में शामिल दोनों पक्षों के बीच ईमानदारी और व्यावहारिक जुड़ाव की आवश्यकता है.’

कपूर ने आगे कहा, ‘हमारे विचार में, केवल वे विकल्प ही स्थायी शांति की ओर ले जा सकते हैं जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हों. इस दृष्टिकोण के अनुरूप, हमने शिखर सम्मेलन से निकलने वाले संयुक्त विज्ञप्ति या किसी अन्य दस्तावेज़ से जुड़ने से बचने का फैसला किया है.’ शिखर सम्मेलन का समापन दर्जनों देशों द्वारा यूक्रेन की ‘‘क्षेत्रीय अखंडता’’ के लिए अपना समर्थन देने और संघर्ष का स्थायी समाधान खोजने के लिए सभी पक्षों के बीच बातचीत का आह्वान करने के साथ हुआ.

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