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यहां भक्तों के वश में रहते हैं भगवान, एक दीपक दिला सकता है शनि देव के प्रकोप से छुटकारा, जानें पूरा उपाय

निर्मल कुमार राजपूत/मथुरा: तीर्थ नगरी मथुरा में भगवान और भक्त का रिश्ता अनोखा माना जाता है. यहां भक्त के वश में भगवान रहते हैं. मधुबन में एक ऐसा शनिदेव मंदिर हैं जहां एक दीपक जलाने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. शनिवार के दिन शनिदेव के मंदिर में पूजा करने और पीपल के वृक्ष की जड़ में तेल का दीपक जलाने से भी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं.

सात शनिवार लगातार दीपक जलाने से शनि दृष्टि हो जाती है कम
चारों धामों से निराला ब्रजधाम मथुरा को ऐसे ही नहीं कहा जाता है. कहते हैं की यहां भगवान शनिदेव भी अपनी कुदृष्टि ब्रज के लोगों पर कम ही डालते हैं. भगवान शनिदेव के प्रकोप से मनुष्य तो क्या देवता भी नहीं बच सके. अगर आपका कोई भी कार्य सफल नहीं हो पर रहा है, बना हुआ कार्य बिगड जाता है, तो एक दीपक आपके सभी कार्यों को बना सकता है.

गांव महोली ( मधुवन ) में बना है शनिदेव का मंदिर. यहां से कोई भी भक्त उनके दरवाजे से निराश होकर वापस नहीं जाता. सच्चे मन से भगवान शनिदेव की आराधना कोई भी व्यक्ति कर लेता है तो उसके सभी काम बन जाते हैं. शनिदेव मंदिर के पुजारी गोविंद महाराज ने बताया कि भगवान शनि कि बुरी दृष्टि जिस व्यक्ति पर पड़ जाये वो व्यक्ति सभी तरह से लाचार हो जाता है. बने हुए कार्य बिगड़ने लगते हैं. शनिदेव महाराज कि दृष्टि को समाप्त करने के लिए कुछ विशेष उपाय हैं. उन्होंने कहा कि सात शनिवार पीपल के वृक्ष की जड़ में सरसों के तेल का चार बाती वाला दीपक जलाना चाहिए.

इसलिए पीपल के वृक्ष की जड़ में जलाते हैं तेल का दीपक
पुजारी ने बताया कि भगवान शनिदेव के समक्ष तेल का दीपक जलाने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि शनि महाराज को बच्चे सबसे प्यारे होते हैं. बच्चों को शनिवार के दिन कुछ दान देना चाहिए. चींटी चुगानी चाहिए. पुजारी ने पीपल के पेड़ की जड़ में तेल के दीपक जलाने का महत्व भी बताया. शनिदेव अपनी दृष्टि कम कर लेते हैं. पीपल के वृक्ष की जड़ में तेल का दीपक जलाने से सभी बाधाओं का हरण हो जाता है.

उपाय
प्रत्येक शनिवार को सुबह एक लोटा जल लेकर उसमें गंगाजल, गुड, डालकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए. शाम को पीपल के पेड़ के नीचे चार बाती वाला दीपक सरसों का तेल डालकर जलाकर आना चाहिए. सुबह जल सूर्य निकलने से पहले चढ़ जाना चाहिए. शाम को अंधेरा होने के बाद दीपक जल जाना चाहिए. शनिवार को सरसों का तेल सिर में नहीं डालना चाहिए. अगर आप विधि विधान से शनि महाराज की पूजा करते हैं, तो सात शनिवार में आपको शनिदेव अपनी कुदृष्टि से मुक्त कर देंगे.

Tags: Local18

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