मोबाइल बन रहा बच्चों के लिए खतरा, आंखें ही नहीं… शरीर के ये हिस्से भी हो रहे कमजोर, एक्सपर्ट से जानें

शाजापुर: आज के आधुनिक दौर में मोबाइल अब बच्चों का नया खिलौना है. ये खिलौना माता-पिता 2 साल की उम्र से ही उनके हाथों में थमा देते हैं. फिर 10-12 साल तक आते-आते बच्चे मोबाइल के इतने दीवाने हो जाते हैं कि फिर उनकी इस लत को छुड़ा पाना अभिभावकों के लिए भी मुश्किल हो जाता है.

शाजापुर जिला अस्पताल के नेत्र विशेषज्ञ डॉ. मनोज पंचोली ने बताया कि ज्यादा मोबाइल और टेलीविजन देखने से बच्चों की आंख पर नहीं, उनके शरीर और दिमाग पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है, जो इतना हानिकारक होता है कि भविष्य में उनको गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.

ऐसा होता है प्रभाव
डॉ. पंचोली ने बताया कि ज्यादातर लोग आजकल मोबाइल बिजी रहते हैं. फुर्सत के समय में भी वह अपने परिवार को समय देने के बजाय मोबाइल में टाइम पास कर रहे हैं. जरूरत से ज्यादा मोबाइल का प्रयोग दिमाग की रफ्तार को कम करने के साथ डिप्रेशन और स्ट्रेस जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है. वहीं, यदि बच्चा खाना नहीं खाता है तो उसे माता-पिता मोबाइल में कार्टून लगा कर दे देते हैं. ज्यादा मोबाइल उपयोग से उसकी आंखों की रोशनी कम हो जाती है. बचपन से उन्हें बड़े नंबर का चश्मा लग जाता है. साथ ही उनकी आंखों में दर्द, धुंधलापन, सिर दर्द और आंखों में सूखेपन की समस्या हो सकती है.

अपने बच्चों को मोबाइल से रखें दूर
डॉक्टर पंचोली ने बताया कि आप अपने बच्चों को मोबाइल से दूर रखें, जिसके चलते आप उनके साथ टाइम बिताएं. आप उन्हें गार्डन में भी ले सकते हैं. बच्चों को दूसरी एक्टिविटी में इंवॉल्व करें, ताकि उनकी मोबाइल से दूरी बन सके. अगर मोबाइल में ही चिपके रहे तो परिणाम अच्छे सामने नहीं आएंगे.

Tags: Child Care, Health News, Local18, Mobile Phone

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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