मधुबनी. कभी जिंदगी में आयी कठिन घड़ी ही आगे का रास्ता खोलती है. मधुबनी के एक युवा की ऐसी ही कहानी है. नाम है गौरव मिश्रा. वो सच में गांव वालों और इलाके के गौरव बन गए हैं. वो ऐसे शिक्षक हैं जो अपने गांव सहित आसपास के 10 गांव के बच्चों को फ्री में शिक्षा देते हैं. वो आज जो कर रहे हैं उसके पीछे बहुत ही भावुक कर देने वाली हकीकत है.
भटपुरा गांव के निवासी गौरव की कहानी बचपन से शुरू होती है. पहले उनके पिता फिर माता की मृत्यु हो गई. उन्होंने अभाव और कठिनाई के साथ अपनी पढ़ाई पूरी की. बस तभी ठान लिया कि अब बाकी जरूरतमंद बच्चों को वो जिंदगी में परेशान नहीं होने देंगे. इस नेक कार्य के माध्यम से उनका उद्देश्य यह है कि गांव के बच्चे पढ़ें. खासकर गरीब बच्चे जो गरीबी की वजह से पढ़ नहीं पा रहे हैं.
बच्चों के लिए लाइब्रेरी
गौरव गरीब बच्चों के लिए रक्षा कवच बनकर आए. उन्होंने लाइब्रेरी खोली. इस लाइब्रेरी में कक्षा पहली से लेकर 12वीं तक की सभी किताबें उपलब्ध हैं. साथ ही नीट या जेईई की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए भी किताबें उपलब्ध हैं. बच्चे यहां आकर फ्री में किताबें पढ़ सकते हैं.
कोई फीस नहीं, अनोखी गुरु दक्षिणा
गौरव बताते हैं भगवान की कृपा और पितरों के आशीर्वाद से इतना कुछ है कि आर्थिक तंगी हावी नहीं हो सकती. मेरा उद्देश्य गरीब समाज को शिक्षित करना है. रुपए, पैसों की दान दक्षिणा मैं नहीं ले पाऊंगा. मेरे यहां से जो बच्चे पढ़कर निकलते हैं उन्हें मैं कम से कम 11 बच्चों को शिक्षित करने के लिए कहता हूं. ताकि यह चेन बनी रहे और शिक्षा के महत्व को समाज का अंतिम व्यक्ति भी समझ सके. गौरव का विश्वास है यदि सब शिक्षित हो जाएंगे तो देश में न जानें कितनी समस्याओं पर पूर्णविराम लग जाएगा.
FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 14:11 IST