मोगा के धर्मकोट में ऑटोमैटिक एरोपनिक सिस्टम की मदत से हो रही आर्गेनिक केसर की खेती
भारत के पहल ऑटोमैटिक एरोपनिक इंडोर आर्गेनिक केसर खेती प्लांट जो भी घर घर बैठे मोबाइल ऐप के जरिए ऑपरेट किया जाता हे
पंजाब के मोगा जिला के तीन दोस्त ने कश्मीर घूमने गए तो कश्मीर में केसर की खेती देख कर मोगा में भी केसर की खेती करने का मन बनाया और बहा से जानकारी लेकर ऑटोमैटिक एरोपनिक सिस्टम की मदत से 500 स्क्वायर फीट जगा पर केसर की खेती शुरू करके इक मिशाल कायम की । भारत का पहला ऑटोमैटिक एरोपनिक इंडोर आर्गेनिक प्लांट हे जो की घर पर बैठकर इनको ऑपरेट किया जाता हे। तीनो में दो किसान परिवार से किसान जसविंदर सिंह जो कि मोगा के गांव किशनपुरा के रहने वाला हे। किसान गुरप्रीत सिंह जो मोगा के रहने वाला हे और एक कृषि विशेषज्ञ भी हे खेती में तीसरा सख्स नीतीश गोयल जो कि मोगा के रहने वाला हे और आई.टी. इंजीनियर हे । इस फार्म को शुरू करने में 25/30 लाख रुपए खर्चा हुआ जो कि इस पैसा में पंजाब में एक एकड़ जमीन भी खरीदा नहीं जाता । 500 स्क्वायर फीट में जितना केसर की खेती शुरू किया वो कश्मीर में 1 एकड़ जमीन पर किया जाता हे और इस प्लांट से 1 किलो से ढेर किलो केसर मिल सकता हे जिनके कीमत बाजारों में 7/8 लाख रुपए हे । अब केसर सिर्फ कश्मीर है पंजाब में भी मिल सकता हे जो की बिल्कुल आर्गेनिक हे।
किसान जसविंदर सिंह ने बताया कि तीनों पेट्रोल पंप के बिजनेस करते हे और इसके के चलते तीनो का दोस्तो हुई और तीनों कश्मीर घूमने गए और केसर की खेती देखकर मन बनाया पंजाब में क्यू न केसर की खेती किया जाए केसर अक्सर बाजारों में बहत महंगा हे। अगर केसर की खेती किया जाए तो बहत लाभबान होगा । फिर उन्होंने कश्मीर के केसर की खेती करने वाले किसानों से सलहा लिया और मोगा आकर 500 स्क्वायर फीट के जगा पर इंडोर ऑटोमैटिक एरोपनिक सिस्टम के साथ केसर के खेती शुरू कर दिया जो तीन महीने के अंदर केसर मिलना शुरू होगया। केसर की खेती काश्मीर में किया जाता हे और कश्मीर में ठंड हे। जिस करके सारे प्लांट कश्मीर केसर के खेती में जितना तापमान की जरूरत हे उसी हिसाब हे ए प्लांट बनाया गया और सारे प्लांट ऑटोमैटिक हे जो की एक मोबाइल ऐप के जरिए ऑपरेट किया जाता हे। भारत का पहला ऑटोमैटिक एरोपनिक इंडोर आर्गेनिक केसर खेती प्लांट हमारे हे। हम किसान परिवार से अक्सर पंजाब में दो फसल के पीछे किसान भागते हे धान और गेहूं पर इस फसल को छोड़ कर किसान अगर इस तरहां की फसल की खेती करे तो समय भी कम और कम मेहनत से काफी मुनाफा होगा । जो पड़े लिखे नौजवान बाहर है रही हे और नशे के चपेट में आ रही हे उनको इसी चीज से बाहर आकर इस तरहां खेती करना चाहिए सबको पंजाब में भी रोजगार मिलेगा। हमारे कोशिश हे आनेवाला दिनों में इस प्लांट को और भी बड़ा करेंगे और पंजाब के लोग पंजाब के केसर खाएंगे जो कि बिल्कुल आर्गेनिक हे और नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा