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‘मुख्तार अंसारी खुद ही गिनाने लगा अपने जुर्म…’ पुलिस अफसर भी रह गए थे हैरान, 30 साल की उम्र में ही दिखा दिए थे तेवर

नई दिल्ली. गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी ने 30 साल की उम्र में ही दिखा दिया था कि वह कानून से नहीं डरता. दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 1993 में क्राइम ब्रांच द्वारा एक अत्यधिक संवेदनशील मामले में गिरफ्तार किए जाने पर मुख्तार ने बेखौफ होकर खुद ही अपने जुर्मों के बारे में खुलासा किया था. यह मामला लुटियंस दिल्ली से एक कारोबारी का अपहरण करने और फिरौती मांगने से जुड़ा है.

मुख्तार अंसारी और उसके दो सहयोगियों ने पश्चिम दिल्ली के कारोबारी वेद प्रकाश गोयल का अपहरण कर लिया था और उसके परिवार से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी. अशोक चंद ने क्राइम ब्रांच की टीम का नेतृत्व किया था और दिल्ली से करीब 250 किलोमीटर दूर पंजाब-हरियाणा सीमा पर स्थित पंचकूला से गोयल को सुरक्षित छुड़ा लिया था.

जब मुख्तार और उसके गुर्गों ने कर लिया था कारोबारी का अपहरण
दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड अधिकारी अशोक चंद ने अपहरण के इस मामले को याद करते हुए बताया कि गोयल अपनी लाल रंग की कार से यात्रा कर रहे थे और वह पंडारा रोड पर अपने दोस्त के जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने जा रहे थे तभी 7 दिसंबर 1993 को उनका अपहरण कर लिया गया था. उन्होंने बताया कि अंसारी और उसके दो सहयोगियों ने गोयल को तिलक मार्ग इलाके से अगवा किया था. उन्होंने बताया कि उसके सहयोगियों ने पुलिस को बताया कि अंसारी दक्षिण दिल्ली के एक गेस्ट हाउस में ठहरा हुआ है, जिसके बाद उन्होंने उसे भी पकड़ लिया.

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अशोक चंद ने कहा, ‘वह (अंसारी) उस वक्त करीब 30 साल का था, आत्मविश्वास से भरा हुआ और कानून को लेकर बेखौफ था. उन दिनों यह एक अत्यधिक संवेदनशील मामला था.’ अधिकारी ने बताया, ‘हमने उनके पास से राइफल और बड़ी संख्या में कारतूस बरामद की.’ उन्होंने कहा कि अंसारी एक बढ़िया निशानेबाज था और वह अपने सटीक निशाने को लेकर जाना जाता था. उन्होंने बताया कि वह और उनकी टीम ने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन वह उत्तर भारत के ‘बड़े बाहुबली माफिया’ की फेहरिस्त में शुमार हो जाएगा.

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मुख्तार के खिलाफ दर्ज हैं 61 केस
अंसारी जमीन हड़पने, जबरन वसूली, अपहरण, पैसे लेकर हत्या करने, हत्या, हत्या की कोशिश और शस्त्र अधिनियम सहित 61 मामलों का सामना कर रहा था. वह ‘पोटा’ (आतंकवाद रोकथाम अधिनियम) और ‘मकोका’ (महाराष्ट्र संगठित अपराध अधिनियम) सहित दो और मामलों का सामना कर रहा था, जो दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने 2009 में दर्ज किए थे.

'मुख्तार अंसारी खुद ही गिनाने लगा अपने जुर्म...' पुलिस अफसर भी रह गए थे हैरान, 30 साल की उम्र में ही दिखा दिए थे तेवर

बता दें कि उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद रहने के दौरान तबीयत खराब होने पर 5 बार के विधायक अंसारी को वहां के एक मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान दिल का दौरा पड़ने पर बृहस्पतिवार को अंसारी की मौत हो गई.

Tags: Delhi police, Mukhtar ansari, Mukhtar Ansari Crime History

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