मुरादाबाद /पीयूष शर्मा: मुरादाबाद के निर्यातक इन दिनों काफी चिंतित नजर आ रहे हैं. क्योंकि, बीते 5 माह में करीब 40 से अधिक फीसदी निर्यात घटता नजर आ रहा है. इसके पीछे लगातार चल रहे देश में युद्ध और अमेरिका की आर्थिक मंदी कंटेनरों के बढ़ते रेट और कच्चे माल की कीमत में आई उछाल समेत कई कारण सामने आए हैं.
रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्ध के बीच अमेरिका की आर्थिक मंदी कंटेनरों के बढ़े रेट और कच्चे माल की कीमतों की उछाल ने मुरादाबाद के निर्यातकों को मंदी का सामना करने के लिए मजबूर कर दिया है. पिछले पांच महीने में निर्यात में करीब 40 फीसदी से अधिक की गिरावट देखी गई है. इसे लेकर शहर के निर्यातक चिंतित हैं.
हजारों निर्यातकों का झटका
पीतल नगरी मुरादाबाद में छोटे- बड़े करीब 2500 निर्यातक हैं. यहां से हर साल औसतन आठ से नौ हजार करोड़ रुपये का निर्यात होता है. इसमें अकेले 60 से 70 फीसदी निर्यात अमेरिका होता है. निर्यातकों के मुताबिक, लॉकडाउन में कारोबार बेहतर रहा था. विदेशी खरीदारों से पीतल नगरी के निर्यातकों को 30 से 35 फीसदी अधिक ऑर्डर मिले थे.
हस्तशिल्प कारोबार पर चौतरफा मार
ईपीसीएच के महासचिव अवधेश अग्रवाल ने बताया कि अमेरिका में अभी भी मंदी जैसे हालात हैं. जबकि मुरादाबाद से करीब 70 फीसदी निर्यात अमेरिका ही होता है. कंटेनरों के रेट 600 डॉलर से 1900 डॉलर पहुंच गए हैं. कच्चा माल 15 फीसदी महंगे हो गए हैं. इसके कारण मुरादाबाद के निर्यात में 40 फीसदी की कमी आई है.
8 हजार करोड़ का था टर्नओवर
हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट सोसाइटी के अध्यक्ष मोहम्मद नोमान मंसूरी ने बताया कि यहां लगभग ढाई हजार से अधिक निर्यातक हैं और दो लाख कारीगर हस्तशिल्प हैं. करीब आठ हजार करोड़ का टर्नओवर यहां पर होता है. लेकिन, अब यहां के कारोबारियों को अन्य देशों में चल रहे युद्ध की वजह से मंदी का सामना करना पड़ रहा है. तमाम कारोबारी के ऑर्डर कैंसिल हो गए हैं. इससे सभी कारोबारी चिंतित हैं और जल्द से जल्द दुआ कर रहे हैं कि इस युद्ध पर विराम लगे और हमारा कारोबार आगे बढ़े.
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FIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 14:54 IST