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वहीं, ज्योतिषी स्मिता पंडित ने कहा कि रामचरितमानस की चौपाई – मृदुल मनोहर सुंदर गाता. साहत दुसह बन आतप बाता. की तुम तीनि देव मह कोऊ नर नारायण की तुम्ह दोऊ. अर्थात – मन को हरण करने वाले आपके सुंदर अंग हैं और आप वन की दू:सह धूप और वायु को सह रहे हैं, क्या आप ब्रह्मा, विष्णु, महेश में से कोई देवता हैं या स्वयं नारायण हैं. हनुमान जी यह बात प्रभु श्री राम जी से जब पूछ रहे थे, तब ग्रीष्म ऋतु थी.