भटकते-भटकते नेपाल से ग्वालियर पहुंचा शख्स, पूछा तो हो गया चुप, कुछ दिनों बाद पुलिस ने जीत लिया उसका दिल

ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में पुलिस का मानवीय चेहरा नजर आया. ग्वालियर पुलिस ने कई दिनों से लापता नेपाली शख्स को उसके परिवार से मिलाया. पुलिस ने उसे आश्रम में रखवाया और सारी सुविधाएं मुहैया करवाईं. उसके बाद जब युवक ने अपने बारे में बताया तो पुलिस ने नेपाल दूतावास से संपर्क कर उसके परिजनों को ढूंढ निकाला. पुलिस उसे और उसके परिजनों को खुद रेलवे स्टेशन लेकर गई और ट्रेन में बैठाकर नेपाल रवाना किया. इसे लेकर पुलिस अधिकारी ने बताया कि युवक ने जब परिजनों को देखा तो उसकी खुशी देखने लायक थी.

जानकारी के मुताबिक, 21 मई को सोनेपुरा गांव में एक अनजान युवक भटककर आया था. गांववालों ने उसे रोता देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी. इसके बाद पुलिसकर्मियों एसडीओपी संतोष पटेल को इसकी खबर दी. एसडीओपी ने हस्तिनापुर थाना प्रभारी राजकुमार को मौके पर भेजा. इसके बाद थाना प्रभारी राजकुमार ने युवक को ग्वालियर स्वर्ग सेवा सदन आश्रम छोड़ दिया. यहां आकर युवक को जब ठीक लगने लगा तो वह वहां के लोगों के साथ घुलने-मिलने लगा. धीरे-धीरे उसने अपनी बातें आश्रम के स्टाफ के साथ शेयर करनी शुरू कीं.

पुलिस ने ढूंढ निकाले परिजन
युवक ने बताया कि वो नेपाल का रहने वाला है. उसका नाम आकाश है. इसके बाद उसने थाना प्रभारी राजकुमार को भी अपने बारे में बताया. इस पर राजकुमार ने नेपाल दूतावास में संपर्क कर उसकी जानकारी दी. नेपाल दूतावास ने आकाश की जानकारी मिलने के बाद उसके भाई बैशाकी लोधी को ढूंढ निकाला. 15 दिन बाद अपने बैशाखी अपने भाई को लेने ग्वालियर पहुंचा. परिजनों को देखकर आकाश बहुत खुश नजर आया. चूंकि, पुलिस उसे बरौनी एक्सप्रेस में बैठाने वाली थी, लेकिन समय नहीं बचा था. इसे देखते हुए पुलिस उसे अपनी गाड़ी में रेलवे स्टेशन लेकर गई. वहां पुलिस ने आकाश, उसके भाई वैशाकी और मामा के लड़के को ट्रेन में बैठाकर नेपाल के लिए रवाना किया.

FIRST PUBLISHED : June 5, 2024, 18:55 IST

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