तनुज पाण्डे/ नैनीताल. उत्तराखंड की सरोवर नगरी नैनीताल अपनी सुंदरता के लिए जानी जाती है. यहां कई घूमने फिरने की जगहें मौजूद है. लेकिन यहां स्थित जीबी पंत हाई एल्टीट्यूड चिड़ियाघर पर्यटकों को आकर्षित करता है. यहां देश के कोने-कोने के कई वन्यजीवों को रखा गया है. इनमें से कई ऐसे वन्यजीव भी यहां मौजूद हैं जो बेहद दुर्लभ हैं. ऐसा ही एक वन्यजीव है सफेद मोर. जो पिछले 15 सालों से नैनीताल जू में है. सफेद मोर का एक जोड़ा यहां रखा गया है. जो यहां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करता है.
आमतौर पर खेत-खलियानों में राष्ट्रीय पक्षी मोर को नाचते हुआ देखा जाना आम बात है, लेकिन अगर मोर का रंग सफेद हो तो मोर की खूबसूरती दोगुनी हो जाती है और हर दिल इस मनमोहक नजारे को देखकर गदगद हो जाता है. गौरतलब है कि सफेद मोर बेहद दुर्लभ पक्षी है. एक्सपर्ट के अनुसार मोर के पंख पिगमेंट की कमी के कारण सफेद होते हैं.
इस कारण मोर का रंग होता है सफेद
नैनीताल स्थित गोविंद बल्लभ पंत उच्च स्थलीय प्राणी उधान के बायोलॉजिस्ट अनुज ने लोकल 18 से खास बातचीत के दौरान बताया कि सफेद मोर के इस जोड़े को लखनऊ चिड़ियाघर से लाया गया है. इस मोर का सफेद रंग एक बीमारी के कारण है. दरअसल यह इंसानों में होने वाली बीमारी की तरह ही है. इसका कारण मिलेलियम पिगमेंट है. जो मोर को पूरी तरीके से सफेद मोर बनाती है.
हजारों में एक होता है
अनुज बताते हैं कि सफेद मोर बेहद दुर्लभ है. ये एक तरह की बीमारी है जो बेहद कम जीवों में पाई जाती है. यही वजह है की हमारी प्रकृति में भी सफेद मोर की संख्या बेहद कम है. अनुज बताते हैं कि प्रति हजार मोर में केवल 1 मोर सफेद पाया जाता है. यदि बात करें चिड़ियाघरों की तो भारत में कुछ चुनिंदा चिड़ियाघर ही हैं जहां सफेद मोर पाया जाता है.
FIRST PUBLISHED : May 31, 2024, 21:58 IST