प्रियदर्शन के नाटक 'बेटियां मन्नू की' का मंचन, ऑडिटोरियम में गूंजता स्त्री अस्मिता का सवाल

दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के सम्मुख ऑडिटोरियम में मानो ‘मन्नू भंडारी’ की कहानियां जीवंत हो उठीं. बेटियां मन्नू की नाम से नाटक के लेखक जाने-माने पत्रकार और लेखक प्रियदर्शन हैं. प्रियदर्शन ने नाटक को जिस तरह से शब्दों में पिरोया वो दिलों को छू जाने वाला रहा. मन्नू भंडारी के उपन्यास ‘आपका बंटी’ और उनकी आठ कहानियों को मिला कर गूंथा गया यह नाटक हिंदी में एक अभिनव प्रयोग माना जा रहा है. ऐसा कोई दूसरा नाटक हिंदी में याद नहीं आता, जहां अलग-अलग कहानियों के किरदार आपस में भी संवाद करें. साथ ही अपने लेखक से भी सवाल करें. सबसे महत्वपूर्ण जो बात इस नाटक में उभर कर आई, वह स्त्री की बराबरी और आज़ादी से जुड़ा विमर्श रही.

अमूमन मन्नू भंडारी को पारंपरिक स्त्रियों की कथा-लेखिका माना जाता है, लेकिन यह नाटक याद दिलाता रहा कि मन्नू भंडारी परंपरा के प्रति जितनी सचेत रहीं. आधुनिकता को लेकर भी उतनी ही सजग दिखीं. उनकी लड़कियां विद्रोह की मुद्रा नहीं अपनातीं लेकिन ज़रूरत पड़ने पर हर सीमा पार करने को तैयार रहती हैं.

नाट्य प्रस्तुति का धवल पक्ष उसका अभिनय रहा. सिर्फ 4 कलाकारों ने इन 9 रचनाओं की अलग-अलग स्थितियों को जीवंत कर दिया. कलाकारों की दमदार प्रस्तुति ने स्त्री के जीवन की उधेड़बुन और परिवार और अपनी इच्छा को चुनने के अंतर्द्वंद्व को बखूबी दर्शाया. निर्देशक देवेंद्र राज अंकुर की अलग-अलग दृश्यों की रचना भी बहुत संप्रेषणीय रही. अमित, गौरी, अदिति और तूलिका का अभिनय यादगार रहा. इस कसे हुए मंचन का श्रेय निदेशक देवेंद्र राज अंकुर को जाता है, जो कहानियों के मंचन के लिए मशहूर हैं.

आयोजन के पहले हिस्से में अलग-अलग पीढ़ियों के तीन लेखकों- मधु कांकरिया, विवेक मिश्र और प्रकृति करगेती ने जीवंत संवाद किया. इसमें दर्शक भी भागीदार रहे. इस सत्र की सूत्रधार रश्मि भारद्वाज रहीं.

हंसाक्षर ट्रस्ट के इस आयोजन में हिंदी के कई बड़े लेखक और बुद्धिजीवी मौजूद थे. गीतांजलि श्री, इतिहासकार सुधीर चंद्र, अशोक वाजपेयी, मृदुला गर्ग, ममता कालिया, पंकज बिष्ट, अशोक भौमिक, रामशरण जोशी, विष्णु नागर, इब्बार रब्बी और अजेय कुमार सहित अलग-अलग पीढ़ियों के कई लेखकों-पत्रकारों की मौजूदगी में हॉल खचाखच भरा रहा. 

हंसाक्षर ट्रस्ट की ओर से रचना यादव ने अतिथियों का स्वागत किया. कुल मिलाकर कलाप्रेमियों और साहित्य के क़रीब रहने वालों के लिए एक बेहद सुखद अनुभव रहा बेटियां मन्नू की.

Source link

Leave a Comment

और पढ़ें

  • JAPJEE FAMILY DENTAL CLINIC
  • Ai / Market My Stique Ai
  • Buzz Open / Ai Website / Ai Tool