पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर प्रशासन ने भारत पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा का एक अनोखी पहल शुरू की है. जम्मू संभाग के सांबा जिला में स्थित रामगढ़ सेक्टर में मॉर्डन बंकर बनाने का काम शुरू किया है. यह पहले ऐसे बंकर हैं, जिनमें टीवी, एसी, रसोई घर, अलमीरा, बैड, डाइनिंग टेबल, 24 घंटे बिजली पानी, वाईफाई, लाइब्रेरी समेत अन्य सुविधाओं से लैस है, जिसमें दो बंकर बन चुके हैं जब की सरकार का लक्ष्य भारत-पाकिस्तान सीमा पर इसी वर्ष कुल 370 ऐसे मॉर्डन बंकर बनाने का है.
न्यूज 18 इंडिया की टीम भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा के रामगढ़ सेक्टर में पहुंची, जहां यह दो मॉर्डन बंकर बन कर तैयार हो चुके हैं. यह मॉर्डन बंकर एक सुरक्षा कवच का काम करेंगे. अब अगर दुश्मन देश पाकिस्तान युद्ध विराम का उल्लंघन करता है या सीमा पार से गोलीबारी करता है तो इन बंकरों में मौजूद लोगों को कुछ भी नहीं होगा. पिछले कुछ समय से देखने में आया है युद्ध विराम उल्लंघन पर तो रोक लगी है और आतंकी घुसपैठ की कोशिशों में भी कमी आई है लेकिन अब पाकिस्तान ड्रोन के जरिए नशे और हथियारों की सप्लाई कर रहा है.
ऐसे में सबसे अधिक प्रभावित वहां के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग हुए हैं. जानकारी अनुसार, 2021 के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से युद्ध विराम का उल्लंघन नहीं हुआ है. अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर देशभर से बड़ी संख्या में पर्यटक आते है और उन्हें एक रुचि रहती है कि देश के सैनिक दिन-रात, सर्दी-गर्मी में सीमाओं की कैसे सुरक्षा करते हैं? उनके साथ या उस इलाके में दौरा कर रात बिताकर अनुभव किया जाए, लेकिन पाक की नापाक कोशिशों के कारण उनकी यह ख्वाइश पूरी नहीं हो पा रही थी.
अब सरकार के संभव प्रयास से केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने इन बंकारों का निर्माण किया है, जोकि अपने आप में खास है. बंकर की विशेषता यह है कि वहां पर देशभर से आने वाले पर्यटक और स्थानीय ग्रामीण एक बेफिक्र होकर रुक सकते हैं. उस दौरान चाहे पाकिस्तान फायरिंग करे तो बंकर के रहने वाले लोगों का बाल भी बांका नहीं हो सकता. इसके साथ बंकर के अंदर होटल जैसे सुविधा प्रदान की गई है. इंटरनेट वाईफाई, टीवी, अलमीरा, लाइब्रेरी, डाइनिंग टेबल, एयर कॉन्डनिशर समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं. इन बैंकर्स को लेकर स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है उन्होंने कहा सरकार द्वारा हमे दिया गए इस उपहार का हम आभार व्याप्त करते हैं.
स्थानीय ग्रामीणों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि पाकिस्तान पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता. फायरिंग के दौरान यहां पर स्थिति ऐसी उत्पन होती है लोग अपना घर मवेशी छोड़ विभिन्न जगह पर अपना डेरा डाले थे और बच्चों को कही और शिफ्ट किया जाता था. उन्होंने कहा कि अब हम इन बंकारों में एक समय में 40 लोग रह सकते हैं और ऊपर से जो पर्यटक यहां आएंगे उनसे हमें रोजगार कमाने का अवसर भी मिलेगा.
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FIRST PUBLISHED : April 1, 2024, 20:35 IST