मुंबई. विभिन्न मौसम और इलाके की परिस्थितियों में मिशन संचालित करने की क्षमता के लिए मशहूर अपाचे हेलीकॉप्टर पश्चिमी क्षेत्र में भारतीय सेना की परिचालन पहुंच और हवाई हमले की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तैयार है. सेना के एक सीनियर अधिकारी ने रविवार को यह बात कही.
सेना के दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल ए के सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक विशेष इंटरव्यू में सेना के परिवर्तन और परिचालन प्रभावशीलता पर इस कदम के महत्वपूर्ण प्रभाव के बारे में जानकारी दिया.
दक्षिणी कमान क्षेत्र के भीतर पहला ‘मीडियम लिफ्ट अटैक हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन’ इस साल 15 मार्च को शुरू किया गया था. यह स्क्वाड्रन बोइंग द्वारा निर्मित अत्याधुनिक अपाचे एच-64ई हेलीकॉप्टरों से सुसज्जित होगा.
उन्होंने कहा, ‘ये हेलीकॉप्टर हमारी सीमाओं के साथ विभिन्न मौसम और इलाके की स्थितियों में मिशन में शामिल होने की क्षमता रखते हैं.’ नए अधिग्रहीत अपाचे हेलीकॉप्टर में कई प्रकार की क्षमताएं हैं, जिनमें टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, रॉकेट और अन्य गोला-बारूद लॉन्च करने की क्षमता शामिल है.
भारत द्वारा अपाचे हेलीकॉप्टरों को हासिल करना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. इसके साथ ही भारत इस गुप्त और बहुमुखी मशीन को अपने सैन्य शस्त्रागार में शामिल करने वाला 16वां देश बन गया है. अपाचे हेलीकॉप्टर की उल्लेखनीय विशेषताओं में हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, रॉकेट और गन सिस्टम शामिल हैं.
हेलीकॉप्टर की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए, यह एक ऐसी रडार से लैस है, जो सबसे प्रतिकूल परिस्थितियों और जंगली इलाकों में लक्ष्य का पता लगाने तथा उस पर हमला करने में सक्षम है. यह घटनाक्रम भारतीय सेना की परिचालन क्षमताओं में पर्याप्त वृद्धि का प्रतीक है, जो पश्चिमी क्षेत्र में देश के रक्षा बुनियादी ढांचे को और मजबूत करता है.
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FIRST PUBLISHED : March 31, 2024, 21:11 IST