पलामू: झारखंड के पलामू में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. हर क्षेत्र में प्रतिभाशाली मौजूद हैं. बता दें कि शिक्षा से लेकर खेल तक में यहां के लोग कई सम्मान प्राप्त कर चुके हैं. हाल ही में पलामू के सेवानिवृत्त शिक्षक और राष्ट्रपति पुरस्कार के सम्मानित हरिवंश प्रभात को झारखंड गौरव सम्मान से नवाजा गया. यह पुरस्कार उनके काव्य के क्षेत्र में की गई रचनाओं के लिए दिया गया है.
दरअसल, झारखंड की राजधानी रांची के स्वागतम बैंक्वेट में पीएसएम संस्था द्वारा 23 जून को कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसमें पलामू से एकमात्र साहित्यकार हरिवंश प्रभात को झारखंड गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया. बता दें कि ये संस्था झारखंड के प्रतिभाओं को खोज कर सम्मानित करती है, जो शिक्षा, कला, नृत्य, सामाजिक कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करते हैं.
रचनाओं के लिए मिला सम्मान
हरिवंश प्रभात ने Local 18 को बताया कि यह सम्मान उन्हें उनकी रचनाओं के लिए मिला है. कुछ महीने पहले उन्होंने एक काव्य पुस्तक को प्रकाशित किया था. ‘छोड़ो बातें फिर कभी’ इस पुस्तक को काफी लोगों ने पढ़ा और सराहा भी है. इसके लिए उन्हें झारखंड गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया है.
राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित
आगे बताया कि अपनी रचनाओं के लिए वह राष्ट्रपति पुरस्कार, झारखंड रत्न, पटना साहित्य सम्मेलन पुरस्कार समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं. अब तक उन्होंने 12 से भी अधिक पुस्तक की रचना की है, जिसकी शुरुआत 1975 में की थी. अपनी पढ़ाई के लिए वो बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करते थे. घर की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं होने के कारण खुद की पढ़ाई के लिए पैसा कमाते थे. इससे उन्हें साहित्य से लगाव भी हो गया और कविता लिखनी शुरू की.
प्रसिद्ध हैं झारखंड गीत
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा जंगल, पहाड़, प्रकृति और मानव जीवन पर कई रचनाएं की गई हैं. झारखंडी गीत भी उनके द्वारा लिखा गया है. वहीं पलामू गीत जिसे मशहूर गायिका मेघा डाल्टन ने गाया था, वह गीत भी इन्होंने ही लिखा है. झारखंड भर में वर्ग आठ में उनके द्वारा लिखा गया एक गीत बच्चों को पढ़ाया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 20:25 IST