परेश रावल की फिल्म ‘स्टोरी टेलर’ और उनके विचार: ओटीटी, स्टोरी टेलिंग और बॉलीवुड
परेश रावल की हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म ‘स्टोरी टेलर’ में वह एक कहानीकार का किरदार निभा रहे हैं, और इस भूमिका को लेकर उनका कहना है कि बेहतरीन कहानी का हिस्सा बनना एक अद्वितीय अनुभव है। फिल्म के बारे में वह कहते हैं कि यह अवसर उन कम मौकों में से एक है जो किसी की जिंदगी में आते हैं। इसके अलावा, वह फिल्म में काम करने के दौरान काम करने वालों की गुणवत्ता का भी जिक्र करते हैं, जैसे अच्छे डायरेक्टर, राइटर, और प्रोड्यूसर।
इंडस्ट्री में अच्छे राइटर्स की कमी
फिल्म में अपनी भूमिका और बॉलीवुड इंडस्ट्री के बारे में बात करते हुए, परेश रावल ने कहा कि बॉलीवुड में अच्छे कहानीकारों की कमी महसूस हो रही है। उनका मानना है कि अगर कोई अच्छी कहानी नहीं है, तो फिल्म की सफलता मुश्किल है, चाहे उसमें बेहतरीन कैमरा वर्क और स्टार्स क्यों न हों। वह सलीम-जावेद जैसे बड़े राइटर्स का उदाहरण देते हैं, जिनकी कमी आज के समय में महसूस होती है। हालांकि, वह यह भी कहते हैं कि अब कुछ नए राइटर्स आ रहे हैं, लेकिन अच्छे लेखक की जरूरत अभी भी है।
क्या परेश रावल कभी राइटर या डायरेक्टर बनेंगे?
जब परेश से पूछा गया कि क्या वह कभी राइटर या डायरेक्टर बनेंगे, तो उन्होंने कहा कि वह पहले से ही एक स्टोरीटेलर हैं। उनका मानना है कि एक अभिनेता के रूप में वह अपनी कहानी को प्रस्तुत करने का काम पूरी निष्ठा से करते हैं, और इस भूमिका में उन्हें संतुष्टि मिलती है। वह इस बात पर जोर देते हैं कि किसी भी पेशे में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप अपना काम दिल से और सही तरीके से करें।
इस फिल्म के जरिए परेश रावल ने न केवल अभिनय के क्षेत्र में अपने योगदान को बढ़ाया, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री में कहानी कहने के महत्व को भी रेखांकित किया है।