भोजपुर : अब किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर उद्यानिक फसलें लगाने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि पारंपरिक खेती की तुलना में उद्यानिक फसलें लगाने से किसानों को काफी फायदा हो रहा है. इसलिए सरकार भी उद्यान पर विशेष ध्यान देते हुए पपीता पर आसानी से सब्सिडी उपलब्ध करा रही है. पपीते की खेती किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है.
उद्यान विभाग के सहयोग से पपीते की खेती का रकबा बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.इस साल आठ हेक्टेयर में पपीते की खेती होगी. विगत साल में पांच हेक्टेयर से अधिक रकबे में पपीते की खेती हो रही है. एक किसान को न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर और अधिकतम चार हेक्टेयर तक का लाभ दिया जाएगा.
पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर किसानों को लाभ मिलेगा
इस बार उन्नत प्रकार की खूबियों से भरपूर रेड लेडी प्रजाति के पपीते के पौधे किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे. जिला उद्यान विभाग के कर्मी चंदन ने बताया कि चतुर्थ कृषि रोड मैप अंतर्गत मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत पपीता विकास योजना के लिए दो वर्षों से विभाग द्वारा राशि जारी की जा रही है.
पपीता का रकबा बढ़ाने का मतलब उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि कर किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी करना है. किसानी के लिए आनलाइन आवेदन शुरू हो गया है. किसानों की सेंटर आफ एक्सीलेंस से पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे.
साढ़े छह रुपये प्रति पौधा मिलेगा अनुदान
जिला उद्यान विभाग से मिली जानकारी के अनुसार एक किसान को कम से कम 250 और अधिकतम 10 हजार पौधे मिलेंगे. पौधे लगाने के लिए किसान खेतों की जोताई के बाद दो-दो मीटर की लाइन और एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी दो मीटर रख सकते हैं. इसके बाद मेड़ बनाकर एक एक फीट गड्ढा खोदकर उर्वरक देकर पौधे लगाकर सिंचाई की जाती है. उन्होंने बताया कि अनुदान के रूप में किसानों को साढ़े छह रुपये प्रति पौधे मिलेंगे. दूसरे साल साढ़े चार रुपये वापस दिया जाएगा. इसके लिए पौधा बचाकर रखना होगा.
रेड लेडी प्रजाति में आम व पपीता दोनाें का स्वाद
उद्यान विभाग के अनुसार पपीता के अन्य कई किस्मों में रेड लेडी की प्रजाति कृषि विभाग की आधुनिक खोज है. इसके प्रत्येक पुष्प से फल निकलता है, जो इसके उत्पादन में इजाफा करता है. इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत है कि एक ही पौधे पर नर और मादा दोनों फूल लगते हैं.
इससे किसानों को प्रत्येक पौधे से फल मिलने को गारंटी होगी. जबकि अन्य प्रजाति के पपीता की किस्मों में नर व मादा का फूल अलग-अलग पौधे पर लगते हैं. किसानों के लिए फूलों के निकलने तक यह पहचान कर पाना कठिन होता है कि नर और मादा पौधा कौन है.
रेड लेडी में आम और पपीता दोनों का स्वाद मिलता है. इसमें विशेष प्रकार का गुण पाया जाता है.यह पकने के बाद जल्दी नरम नहीं होता होता है.इसे तोड़ने के बाद लगभग एक महीने तक भी खराब नहीं दे होता है, जिससे किसानों को काफी मुनाफा हो सकता है. इसके फल में विशेष सुगंध भी है.
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FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 22:23 IST