दूधाधारी मठ राजधानी का सबसे पुराना मठ है, जहां भगवान श्रीराम अपनी अर्धांगिनी सीता और तीन छोटे भाइयों लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के साथ विराजे हैं. पत्थर से निर्मित सभी मनमोहक प्रतिमाओं को भक्त अपलक निहारते रहते हैं. ऐसा मनमोहक श्रीराम दरबार राजधानी के किसी मंदिर में नहीं है. इसे श्रीराम पंचायतन के नाम से जाना जाता है.