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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने गैंगस्टर लॉरेंस के सीआईए खरड़ इंटरव्यू मामले में एसएसपी पर कार्रवाई की मांग की

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने गैंगस्टर लॉरेंस के सीआईए खरड़ इंटरव्यू मामले में एसएसपी पर कार्रवाई की मांग की

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आज (19 नवंबर) को गैंगस्टर लॉरेंस के सीआईए खरड़ में हुए टीवी इंटरव्यू से जुड़ी सुनवाई की। अदालत ने इस मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए पूछा कि मोहाली के तत्कालीन एसएसपी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। अदालत ने सरकार से सवाल किया कि उन पर सस्पेंशन क्यों नहीं किया गया और इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कब की जाएगी।

अदालत का आदेश: जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए
सुनवाई के दौरान अदालत ने स्पष्ट कहा कि अगर अगली सुनवाई तक संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की जाती है तो दो दिसंबर को गृह विभाग के सचिव को अदालत में पेश होना होगा। अदालत ने यह भी पूछा कि मोहाली के तत्कालीन एसएसपी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जबकि वे पूरे जिले के इंचार्ज थे।

सरकारी वकील ने जवाब दिया कि एसएसपी को शोकॉज नोटिस जारी किया गया था और उनके जवाब से सरकार संतुष्ट नहीं है। वकील ने यह भी कहा कि सीआईए खरड़ के तत्कालीन इंचार्ज डीएसपी गुरशेर संधू थे, लेकिन अदालत ने कहा कि निचले स्तर के अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है, जबकि उच्च अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

डीजीपी के बयान पर सवाल
अदालत ने पंजाब के डीजीपी गौरव यादव के उस बयान पर भी सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि लॉरेंस का इंटरव्यू पंजाब में नहीं हुआ था। अदालत ने पूछा कि यह बयान किस आधार पर दिया गया और इस मामले की प्रेस कांफ्रेंस की ट्रांसक्रिप्ट भी मांगी।

एसआईटी का गठन और अधिकारियों पर कार्रवाई
पिछली सुनवाई में अदालत ने एसआईटी का पुनः गठन किया था, जिसमें स्पेशल डीजीपी प्रबोध कुमार की अगुवाई में एडीजीपी नीलाभ किशोर और नागेश्वर राव को शामिल किया गया था। उन्हें मामले में आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के एंगल से जांच करने के निर्देश दिए गए थे।

पंजाब पुलिस ने इस मामले में कई अधिकारियों पर कार्रवाई की है, जिनमें डीएसपी, सब इंस्पेक्टर, एएसआई और हेड कॉन्स्टेबल रैंक के अधिकारी शामिल हैं। इनमें से कई अधिकारी सीआईए खरड़ और एजीटीएफ में तैनात थे। वहीं, राजस्थान पुलिस दूसरा इंटरव्यू होने की जांच कर रही है, जो जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ था।

वायरल हुए गैंगस्टर लॉरेंस के दो इंटरव्यू
गैंगस्टर लॉरेंस के दो इंटरव्यू वायरल हुए थे। पहले इंटरव्यू का आयोजन 3 और 4 सितंबर 2023 को पंजाब के सीआईए खरड़ में किया गया था, जबकि दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ था।

अदालत ने मामले में जल्द कार्रवाई की उम्मीद जताई है और कहा है कि अगले सुनवाई तक जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए जाएं।

लॉरेंस ने पहले इंटरव्यू में मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली, दूसरे में जेल से कॉल करने का सबूत दिया

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के दो इंटरव्यू ने पंजाब पुलिस और जेल प्रशासन के लिए कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले इंटरव्यू में, जो 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ, लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। उसने दावा किया कि मूसेवाला गैंगवार में शामिल था और उसके कॉलेज फ्रेंड विक्की मिड्‌डूखेड़ा की हत्या में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मारा गया। इस इंटरव्यू को सीआईए की कस्टडी से लिया गया था, और एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह वही इंटरव्यू था जिसमें लॉरेंस ने मूसेवाला की हत्या के बारे में विस्तार से बताया था।

दूसरे इंटरव्यू में लॉरेंस ने जेल से कॉल करने का सबूत दिया
लॉरेंस के दूसरे इंटरव्यू ने जेल में मोबाइल फोन की अवैध उपलब्धता को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। इस इंटरव्यू में, लॉरेंस ने अपने बैरक का वीडियो भी दिखाया और बताया कि उसे जेल से बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन वह मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर लेता है और कॉल करने के लिए जेल के गार्डों की कमी का फायदा उठाता है। लॉरेंस ने बताया कि जेल में गार्डों की निगरानी रात के समय बहुत कम होती है, जिससे उसे रात में कॉल करने का मौका मिल जाता है।

लॉरेंस ने इस बात का भी खुलासा किया कि मोबाइल फोन बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ इन मोबाइल फोन को पकड़ने की कोशिश करता है, लेकिन अक्सर वह उन तक पहुंच जाते हैं। इस खुलासे ने जेल प्रशासन की गंभीर चूक को उजागर किया है और यह सवाल खड़ा किया है कि किस तरह से गैंगस्टर जेल के भीतर से अपनी गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं।

पंजाब पुलिस और जेल अधिकारियों पर कार्रवाई की आवश्यकता
लॉरेंस के इन इंटरव्यूज ने पंजाब पुलिस और जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। इन इंटरव्यूज से यह भी स्पष्ट होता है कि जेलों में सुरक्षा और निगरानी प्रणाली में गंभीर कमियां हैं, जिससे गैंगस्टरों को अपनी गतिविधियों को अंजाम देने का मौका मिलता है। कोर्ट ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है और एसआईटी को जांच में आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के एंगल से भी मामले की तह तक जाने का निर्देश दिया है।

पंजाब के DGP ने लॉरेंस के इंटरव्यू का खारिज किया दावा, कहा- यह पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के विवादित इंटरव्यू के बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठने लगे थे, जिसके बाद पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। उन्होंने स्पष्ट किया कि लॉरेंस का इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी अन्य जेल से नहीं हुआ था। डीजीपी ने कहा कि लॉरेंस को बठिंडा जेल लाए जाने के बाद उसकी तस्वीरें पेश की गईं, जिसमें दिख रहा था कि उसके बाल कटे हुए थे और उसकी दाढ़ी-मूछ भी नहीं थी।

डीजीपी ने कहा, “जब लॉरेंस को बठिंडा जेल लाया गया, तब उसकी स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट थी, और इंटरव्यू के दौरान दिखाई गई तस्वीरों से यह साबित होता है कि वह उस समय पंजाब की जेल में नहीं था।” उन्होंने यह भी कहा कि लॉरेंस के इंटरव्यू का संबंध पंजाब की जेल से नहीं था, और यह पूरी तरह से झूठा और बेबुनियाद था।

हालांकि, इस दावे के बावजूद, लॉरेंस ने दूसरे इंटरव्यू में खुद बताया था कि उसने जेल के भीतर से कॉल की थी, और उसने अपनी बैरक का वीडियो भी दिखाया था, जो इस दावे को और भी संदिग्ध बनाता है। इस पूरे मामले ने पंजाब पुलिस और जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं, और अब यह साफ है कि मामले की जांच और अधिक गहराई से की जाएगी।

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