पंजाब सीएम भगवंत मान ने किसान आंदोलन पर केंद्र सरकार से की बातचीत की अपील, बोले- ‘किसानों से चर्चा से ही हल निकलेगा
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज खनाौरी और शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह अड़ियल रवैया छोड़कर किसान संगठनों से बातचीत के लिए पहल करे, ताकि यह विवाद सौहार्दपूर्ण तरीके से हल हो सके। उन्होंने केंद्र सरकार से कृषि मार्केट पॉलिसी के ड्राफ्ट को स्वीकार न करने की अपनी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि इस विषय पर पंजाब सरकार जल्द ही एक लिखित प्रतिक्रिया केंद्र को भेजेगी।
मुख्यमंत्री ने कई मुद्दों को उजागर किया, जिनमें मुख्य थे:
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केंद्र से बातचीत की अपील: मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को चुनाव परिणामों के बाद किसानों से बातचीत का पहल करनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब केंद्र तीनों कृषि कानूनों को किसी नए रूप में फिर से लागू करने की तैयारी कर रहा है। इस पर उन्होंने चिंता जताई और कहा कि किसानों से बातचीत से बचने का कोई कारण नहीं है।
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किसान नेता डल्लेवाल की हालत: उन्होंने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का मरणव्रत 38वें दिन में प्रवेश कर चुका है। पंजाब सरकार उनकी सेहत को लेकर गंभीर है और 50 डॉक्टरों की टीम उनकी देखभाल कर रही है। इसके अलावा, धरना स्थल के 500 मीटर दायरे में अस्थाई अस्पताल भी बनाया गया है। सीएम ने केंद्र से आग्रह किया कि वे किसानों से बातचीत करने के बजाय उन्हें दबाव बनाने के प्रयास न करें।
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केंद्र के रवैये पर आलोचना: सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वे किसान नेताओं को उठाकर अस्पताल न भेजे, बल्कि सभी संबंधित पक्षों को बुलाकर बातचीत करें। उन्होंने कहा कि किसान न तो हिंसक हो रहे हैं, न ही किसी टकराव की स्थिति पैदा कर रहे हैं।
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कृषि मार्केट पॉलिसी: उन्होंने यह भी कहा कि नई कृषि मार्केटिंग पॉलिसी के ड्राफ्ट को लागू करने के प्रयासों से पंजाब और हरियाणा के मंडीकरण सिस्टम को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।
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केंद्र का रवैया और नुकसान: मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब बंद जैसे फैसले राज्य को नुकसान पहुँचाते हैं। पंजाब बंद से राज्य को सौ करोड़ का नुकसान हुआ है और लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा है।