हेग:
यूनाइटेड नेशंस की टॉप अदालत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने शुक्रवार को गाजा के शहर राफा में इजरायली सेना (Israel Military Operation) के ऑपरेशन को तुरंत रोकने का आदेश दिया है. नीदरलैंड के हेग में स्थित इंटरनेशनल कोर्ट के चीफ जस्टिस नवाफ सलाम ने कहा, “इजरायल की नेतन्याहू सरकार (Netanyahu Government) को राफा में अपने सेना के अटैक और किसी भी कार्रवाई को तुरंत रोकना चाहिए. क्योंकि ये गाजा (Gaza Strip) में फिलिस्तीनियों की जिंदगी को पूरी या आंशिक रूप से विनाश की ओर ले जा सकती है.”
इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच 7 अक्टूबर 2023 से जंग चल रही है. हमास ने इस दिन गाजा पट्टी से इजरायल की ओर 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे थे. इनमें 1200 लोगों की मौत हो गई थी. उसके बाद से इजरायल गाजा पर जवाबी कार्रवाई कर रहा है. इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने ऐलान किया है कि हमास के खात्मे तक गाजा में एक्शन जारी रहेगा.
हमास चीफ ने नेतन्याहू पर गाजा संघर्ष विराम बातचीत की कोशिशों को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया
न्यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने इजरायल को आदेश पर उठाए जाने वाले कदमों को लेकर एक महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि मानवीय सहायता के लिए मिस्र के साथ लगने वाली राफा बॉर्डर को खोला जाना चाहिए, ताकि बॉर्डर से गाजा के लोगों को जरूरी मदद पहुंचाई जा सके.”
दक्षिण अफ्रीका ने दायर की थी याचिका
दरअसल, दक्षिण अफ्रीका ने जंग के आपातकालीन समाधान के लिए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) में याचिका दायर की है, ताकि इजरायल को राफा समेत गाजा पट्टी में मिलिट्री ऑपरेशन से रोका जा सके. इसके अलावा हाल ही में ICC (International Criminal Court) के चीफ प्रॉसिक्यूटर करीम खान ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की थी.
पिछली सुनवाई में दक्षिण अफ्रीका ने दिए थे ये तर्क
पिछली सुनवाई में दक्षिण अफ्रीका के वकील वॉन लोव ने तर्क दिया है कि राफा में ऑपरेशन गाजा के विनाश में अंतिम कदम है. वॉन लोव ने कहा कि गाजा में जंग दक्षिण अफ्रीका को कोर्ट तक लेकर आई है. एक राष्ट्रीय, जातीय और नस्लीय हिंसा से सभी फिलिस्तीनियों को सुरक्षा की जरूरत है.
इजरायल ने अपने पक्ष में दी ये दलीलें
दूसरी ओर, इजरायल के वकील गिलाद नोआम ने दक्षिण अफ्रीका की याचिका की आलोचना करते हुए कहा था, “यह सच्चाई से परे है. इस आरोप ने 1948 के संयुक्त राष्ट्र नरसंहार कन्वेंशन का मजाक बना दिया है. किसी चीज़ को बार-बार नरसंहार कहने से वह नरसंहार नहीं हो जाएगा. किसी झूठ को बार-बार दोहराने से वह सच नहीं हो जाएगा.”
UNICEF ने गाजा में हालात पर जताई चिंता
इस बीच गाजा में इजरायल की ओर से लगातार किए जा रहे मिलिट्री ऑपरेशन के कारण उपजे मानवीय संकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने गंभीर चिंता जताई. UNICEF के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर, कैथरीन रसेल ने बताया कि इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध का खामियाजा वहां के बच्चे चुका रहे हैं. राफा में हालात और भी खराब हैं.
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इजरायली सेना का गाजा में कहर जारी
उधर, इजरायली सेना का गाजा में कहर जारी है. सीजफायर की बातचीत बेनतीजा होने के बाद से ही इजरायली सेना गाजा के अलग-अलग इलाकों में हमले कर रही है. इजरायली सेना ने गुरुवार को उत्तरी और मध्य गाजा में दो घरों को निशाना बनाया, जिनमें कम से कम 24 लोगों की मरने की पुष्टि हुई है. स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी है.
क्या ICJ के आदेश का होगा असर?
बेशक ICJ दुनिया की सबसे बड़ी कोर्ट कहलाती है, लेकिन ICJ के पास अपने आदेश का पालन कराने के लिए कोई ताकत नहीं है. रूस-यूक्रेन जंग में भी ICJ ने आदेश दिए थे कि रूस यूक्रेन पर अपना आक्रमण रोके, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं हो सका. ऐसे में ये कहना जल्दबाजी होगी कि ICJ के फैसले के बाद इजरायल मिलिट्री ऑपरेशन रोक देगा. लेकिन इतना तय है कि इससे नेतन्याहू सरकार पर जंग रोकने के लिए पहले से ज्यादा दबाव बनेगा.
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