नंगल में स्मोक टावर बंद, प्रदूषण को साफ करने के लिए 80 लाख रुपये की लागत व्यर्थ
दुनिया भर में प्रदूषण की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, जिससे लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। खासतौर पर पराली जलाने और दीवाली के दौरान पटाखे चलाने से AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) खतरनाक स्तर तक पहुँच जाता है। नंगल शहर की हवा को साफ़ करने के लिए नगर काउंसिल ने 80 लाख रुपये की लागत से दो स्मोक टावर लगाए थे, लेकिन अब ये टावर बंद पड़े हुए हैं।
इस बारे में जब नगर काउंसिल के म्यूनिसिपल इंजीनियर से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि दोनों स्मोक टावर चल रहे हैं, लेकिन जब हमारी टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर देखा तो एक टावर का बिजली कनेक्शन भी नहीं हुआ था और दूसरा टावर बंद पड़ा था। ये स्मोक टावर शहर के व्यस्त इलाकों में, जैसे कि बस स्टैंड और अजौली मोड़ पर लगाए गए थे, ताकि ये 70 मीटर के दायरे में हवा को साफ़ कर सकें।
नंगल का AQI 200 से ऊपर जा चुका है, जो कि इस बात का संकेत है कि हालात बेहद खतरनाक हो गए हैं और इससे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।