मॉस्को. एक रूसी इंफ्लुएंसर को अपने एक महीने के बेटे की मौत का कारण बनने के लिए आठ साल जेल की सजा सुनाई गई है. उसे ‘कट्टर कच्चा खाने का दीवाना’ कहा जाता है. उसने अपने बेटे को लगातार केवल ‘धूप’ में रखा था. इसके बाद की डॉक्टर के पास ले जाने के दौरान निमोनिया और कुपोषण से मौत हो गई. इंफ्लुएंसर मैक्सिम ल्यूटी का यह असामान्य प्रयोग उसका अपने बेटे को सुपरमैन बनाने की इच्छा से पैदा हुआ था कि. इसका अदालती कार्यवाही में खुलासा हुआ. 48 साल के इस इंफ्लुएंसर के इंस्टाग्राम पर लगभग 60,000 की बड़ी फॉलोइंग है.
इस कठोर और सनकी पिता ने अपने अपरंपरागत पालन-पोषण के तरीकों को सोशल मीडिया पर शेयर भी किया था. जिसमें कोसमोस को कड़ाई से शाकाहारी ‘प्राण’ आहार देना शामिल था. माना जाता है कि यह आहार आध्यात्मिक ऊर्जा से युक्त भोजन जैसे कई तरह की बेरियों से पोषण हासिल करता है. बच्चे की मां ओक्साना मिरोनोवा को कथित तौर पर अपने बच्चे को स्तनपान कराने से मना किया गया था. जो अपने अतिवादी डाइटिंग पार्टनर के आदेशों से बंधी थी. मिरोनोवा के अपने बच्चे को गुप्त रूप से दूध पिलाने की बेताब कोशिशों को ल्यूटी के ‘सूर्य प्रकाश आहार’ में अटूट भरोसे ने विफल कर दिया था.
एक अतिवादी अभ्यास
यह एक अतिवादी अभ्यास है, जो सांस रोकने के समान है. जो यह मानता है कि मनुष्य केवल सूर्य के प्रकाश पर ही जिंदा रह सकता है. रिपोर्टों में यह भी सामने आया कि ल्यूटी ठंडे पानी के संपर्क में रखकर कोसमोस को सख्त बनाने पर जोर देता रहा था. इस मामले में मिरोनोवा की मां गैलिना ने जल्द से जल्द हस्तक्षेप नहीं करने पर खेद जताया. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को ल्यूटी एक गिनी पिग की तरह रखता था. इस भयावह गाथा का अंत पिछले साल 8 मार्च को कुपोषण के कारण कोसमोस की असामयिक मौत के रूप में हुआ.
दोष अपनी पत्नी पर मढ़ने की कोशिश
ल्यूटी ने शुरू में इसका दोष अपनी पत्नी मिरोनोवा पर मढ़ने का प्रयास किया. मगर बाद में ल्यूटी ने अपने बेटे की मौत में अपनी भूमिका को कबूल कर लिया. उसने दुर्भावनापूर्ण इरादे के बजाय लापरवाही का हवाला देते हुए सजा में नरमी की गुहार लगाई. अब, इंफ्लुएंसर ने अपने तरीके बदल लिए हैं और जाहिर तौर पर जेल में भी मांस खा रहा है. अब मुकदमा खत्म हो गया है और अभियोजकों ने साढ़े आठ साल की जेल की सजा और 94,000 रुपये के जुर्माने की मांग की. जबकि मां को दो साल की ‘सुधारात्मक श्रम’ की सजा मिली है.
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FIRST PUBLISHED : April 19, 2024, 22:12 IST