जून तक कर लें यह काम, 20 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी फसलों की पैदावार, कृषि वैज्ञानिक के उपयोगी टिप्स

पश्चिम चम्पारण. अगर आप खेती किसानी करते हैं औऱ खेत में इस महीने ये काम कर लिया तो समझो सालभर की मेहनत हो गयी. अब ये मेहनत रंग दिखाएगी. काम ये करना है कि तेज धूप में ही खेत की गहरी जुताई कर लेना है. इससे जमीन में छुपे कीट पतंगे नष्ट हो जाएंगे और उसकी उर्वरक क्षमता बढ़ जाएगी.

फसलों की पैदावार बढ़ाने के लिए गर्मियों में खेत की गहरी जुताई का बेहद महत्व है. इस एक काम में कई लाभ हैं. कृषि वैज्ञानिक कहते हैं आग बरसाती इस गर्मी में अगर जमीन खोदकर उसे खुला छोड़ दिया जाए तो सूर्य की किरणें सीधे जमीन का इलाज कर देती हैं. इससे सारे कीट पतंगे-रोगकारक नष्ट अपने आप धूप में नष्ट हो जाते हैं. इतना ही नहीं, पानी का प्रवाह रुकना, खरपतवार नियंत्रण,जड़ों की अच्छी वृद्धि जैसे कार्य भी हो जाते हैं. खास बात यह है कि इसके फायदे से किसानों की लागत में कमी आती है. दूसरी तरफ उपज में क़रीब 20 प्रतिशत तक बढ़ लाभ बढ़ जाता है.

जून में जरूर करें गहरी जुताई
माधोपुर स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह बताते हैं गर्मी के लिए जुताई, रबी मौसम की फसल कटने के बाद शुरू होती है, जो बरसात शुरू होते ही खत्म कर दी जाती है. यानि अप्रैल से जून तक ग्रीष्मकालीन जुताई की जाती है. खेत में गहरी जुताई करने से मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ती है. मिट्टी में जल की मात्रा और स्तर बढ़ता है. इससे फसलों को लंबे समय तक नमी मिलती रहती है.

कीट से पीछा छूटेगा-होगी भरपूर पैदावार
अभिषेक बताते हैं सबसे अच्छी बात यह है कि ग्रीष्मकालीन जुताई से मिट्टी की प्रवेश प्रतिरोध क्षमता कम होती है, इससे जड़ें बढ़ती हैं और मिट्टी में अधिक गहराई तक जाती हैं. रबी या जायद की फसलों पर लगे हानिकारक कीट के अंडे- लार्वा, जमीन की दरारों में छुपे कीट तेज धूप से नष्ट हो जाते हैं. इससे खेत, कीट-पतंगों से सुरक्षित हो जाता है और अगली फसल में कीटों के हमले की आशंका बेहद कम हो जाती है.

इन बातों का ध्यान रखें
-गर्मी में खेत की जुताई खेत की ढाल के विपरीत दिशा में करें.
-फसल की कटाई के बाद खेत में जुताई के लिए पर्याप्त नमी होनी चाहिए. यानि फसल कटाई के तुरंत बाद जुताई करें. इससे कम खपत में अच्छी जुताई होती है.
-ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई करते समय खेत की मिट्टी के बड़े-बड़े ढेले बनाने चाहिए. इससे भूजलस्तर में बढ़ोतरी होती है.
– हल्की और रेतीली जमीन में ज्यादा जुताई न करें. इससे मिट्टी भुरभुरी हो जाती है और हवा या बरसात से मिट्टी का कटाव बढ़ जाता है.
-किसान ट्रैक्टर में एमबी प्लाउ यंत्र से कम स्पीड पर या फिर बैलगाड़ी में लगे बड़े हल से जमीन की जुताई कर सकते हैं.

Tags: Agriculture producers, Champaran news, Local18

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