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जलाभिषेक के समय भूलकर भी ना करें गलती, यहां जानें पूजा मुहूर्त Maha Shivratri 2024 Do Jalabhishek at this time on the day of Mahashivratri all wishes will be fulfilled – News18 हिंदी

शुभम मरमट/उज्जैन.महाशिवरात्रि फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि के दिन रखा जाता है. इस बार महाशिवरात्रि का व्रत 8 मार्च यानि आज रखा जाएगा. भगवान शिव के भक्तों के लिए यह दिन बहुत ही खास होता है. दरअसल, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस बार महाशिवरात्रि पर शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और चतुर्ग्रही योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है. इस दिन कई दुर्लभ संयोग इस बार बन रहे हैं. आइए जानते हैं भगवान शिव की उपासना व रुद्राभिषेक के लिए शुभ मुहूर्त कब से कब तक रहेगा.

महाशिवरात्रि व्रत 2024 तिथि और पूजा मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुदर्शी तिथि के दिन महाशिवरात्रि मनाई जाती है.इस दिन भक्तगण व्रत रख शिवजी और माता पार्वती की पूजा करते हैं. इस साल 8 मार्च को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि का आरंभ 8 मार्च 2024 को रात 9 बजकर 57 मिनट से होगा, जबकि इसका समापन 9 मार्च 2024 को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर होगा.

महाशिवरात्रि की पूजा का चार प्रहर
– रात्रि प्रथम प्रहर – सायंकाल 6:08 से रात्रि 9:11 तक
– रात्रि द्वितीय प्रहर – रात्रि 9:1 से रात्रि 12:13 तक
– रात्रि तृतीय प्रहर – रात्रि 12:13 से रात्रि 3:15 तक
– रात्रि चतुर्थ प्रहर – रात्रि 3:15 से भोर 6:18 तक

महाशिवरात्रि सुबह जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि कल धूमधाम के साथ मनाई जाएगी. पंडित रवि शुक्ला ने बताया कि कल जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त सुबह 6.19 बजे से शुरू हो गया है. जबकि बैठी कांवड़ सुबह 9.16 बजे से और खड़ी कावड़ रात्रि 9.57 बजे से चढ़ाने का मुहूर्त है.

शिवलिंग के जलाभिषेक में रखें ये सावधानी
दिशा – महाशिवरात्रि पर शिवलिंग का जलाभिषेक करते वक्त मुख उत्तर दिशा की ओर रखें. ध्यान रहे पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल न चढ़ाएं क्योंकि ये दिशा भगवान शिव का प्रवेश द्वार मानी जाती है.

ये गलती न करें
– महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर पतली जल की धारा बनाकर अर्पित करें, साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. कभी भी एक साथ पूरा जल न चढ़ाएं. न ही खड़े होकर जल चढ़ाएं. बैठकर जल चढ़ाना चाहिए.

जल के लिए बर्तन– महाशिवरात्रि की पूजा के समय जलाभिषेक के लिए तांबे के लोटे का ही इस्तेमाल करें. दूध चढ़ाने के लिए स्टील या पीतल का लोटा लें सकते हैं.

Tags: Latest hindi news, Local18, Mahashivratri, Mp news, Ujjain news

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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