इंदौर: जिले में भेरूघाट नाम का एक गांव ऐसा भी है, जो करीब 30 साल से रिकॉर्ड में नहीं है. यहां 250-300 लोग निवास करते हैं. हाल ही में इंदौर-खंडवा सिक्स लेन निर्माण को लेकर जब जमीन अधिग्रहण के लिए सर्वे हुआ तो इसका खुलासा हुआ. अब इस गांव की जमीन लेने में दिक्कतें आ रही हैं.
भेरूघाट गांव इंदौर-खंडवा हाईवे से लगा है. इस गांव की 800 मीटर जमीन सड़क निर्माण में जा रही है. जब सड़क के लिए जमीन का अधिग्रहण करने की प्रकिया के तहत सर्वे किया गया तो पता चला कि यह गांव तो रिकॉर्ड में ही नहीं है. इसका नक्शा भी नहीं है. करीब 30 साल हो चुके हैं. यह रिकॉर्ड में नहीं चढ़ाया गया, जबकि यहां पर 250-300 लोगों के 40-50 परिवार रहते हैं. 30 लोगों की जमीन सड़क निर्माण में जा रही है.
वन विभाग की जमीन मानकर छोड़ दिया
भेरूघाट नाम के इस गांव की भूमि अधिग्रहण के लिए शासन ने अब तक अधिसूचना ही जारी नहीं की है. राजस्व विभाग का कहना है उनके पास जमीन का रिकॉर्ड है, लेकिन एनएचएआई ने जब प्रोजेक्ट की शुरुआत में सर्वे किया था, तब उन्होंने इस हिस्से को वन विभाग की जमीन मानकर छोड़ दिया.
5 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण बाकी
कंपनी के प्रोजेक्ट हेड नागेश्वर राव ने कहा कि 20 भूमि स्वामी की 5 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण बाकी है. किसी की 0.15 हेक्टेयर तो किसी की 0.5 हेक्टेयर जमीन है. आपसी समझौते से जमीन अधिग्रहण भी कानूनी रूप से किया जा सकता है. इसके लिए सभी के कागज मंगवाए गए हैं और प्रोजेक्ट जल्दी पूरा करने के लिए सरकार भी इसी पक्ष में है.
इसलिए नहीं है रिकॉर्ड
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने बताया कि गांव का नक्शा नहीं होने से रिकॉर्ड नहीं है. सरकार किसानों से आपसी समझौता करते हुए ठीक उसी तरह जमीन खरीदेगी जैसे दो लोग आपस में लेनदेन करते हैं. राशि भूमि स्वामियों के खातों में आरटीजीएस के माध्यम से डाल दी जाएगी. इसके लिए धारा 3ए की अधिसूचना के प्रकाशन की जरूरत नहीं है. प्रशासन की स्वीकृति से रजिस्ट्री करते हुए जमीन के अधिकार ले लिए जाएंगे. कोई रजिस्ट्री नहीं करवाता है तो अधिग्रहण की कार्रवाई करेंगे.
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FIRST PUBLISHED : May 29, 2024, 19:32 IST